नई दिल्ली। नया साल दवा कंपनियों के लिए कोई राहत की खबर लेकर आता नहीं दिख रहा है। 2018 के साथ देश में दवाओं के उत्पादन में कमी होने की बात सामने आई है। चूंकि भारत की तरफ से चीन की फार्मा कंपनियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई होनी है। ऐसे में इसका सीधा असर दवा के उत्पादन पर पड़ने का अनुमान लगाया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार, चीन की 8 फार्मा कंपनी इस वक्त भारत के रेडार पर है। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने चीन की 8 कंपनियों को ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी किया है। इन कंपनियों पर भारत की फार्मा कंपनियों को घटिया क्वॉलिटी का कच्चा माल सप्लाइ करने का आरोप लगा है। ऐसे में अगर आरोप सही पाए जाते है तो ये चीनी कंपनियां ब्लैकलिस्ट भी हो सकती हैं।
इन 8 फार्मा कंपनियों के ब्लैकलिस्ट होने पर भारत में कच्चे माल की सप्लाइ नहीं होगी। जिससे दवा कंपनियों को दवा उत्पादन में काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। वहीं दवा कंपनियों का कहना है कि उनके पास इस वक्त कच्चे माल का स्टॉक है लेकिन वो उसकी क्वॉलिटी जांच होने के बाद ही उसका इस्तेमाल करेंगे। आपको बता दे कि भारतीय दवा कंपनियां कुल डिमांड का 60 से 70 फीसदी कच्चा माल चीनी कंपनियों से लेती हैं।