एटा (उत्तर प्रदेश) : मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) कार्यालय स्थित केंद्रीय औषधि भंडार से त्वचा रोग में इस्तेमाल होने वाली जिस दवा का सैंपल लिया गया था, वह जांच में फेल हो गया। औषधि निरीक्षक ने सीएमओ डॉ. अजय अग्रवाल और निर्माता कंपनी यूनीकेयर इंडिया लिमिटेड को नोटिस भेजा है।
बता दें कि औषधि निरीक्षक आशुतोष चौबे ने बीती 22 अगस्त को केंद्रीय औषधि भंडार से खुजली की दवा गामाबेनजीनहेक्सा क्लोराइड का नमूना लिया था। त्वचा संबंधी रोगों में उपयोग किए जाने वाले इस लोशन में दवा की मात्रा लगभग आधी पाई गई। नोटिस मिलने पर सीएमओ ने उक्त बैच नंबर की इस दवा का सीएचसी और पीचएसी में वितरण बंद कर कंपनी को वापस भेजने के निर्देश दिए हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, गामाबेनजीन हैक्सा क्लोराइड लोशन का नमूना मानकों पर खरा नहीं पाया गया। इसमें दवा की मात्रा महज 62.7 फीसद मिली है। स्पष्ट है कि दवा बीमारी रोकने में पूरी तरह कारगर साबित नहीं हो सकती। करीब छह महीने पहले सरकारी आपूर्ति के रूप में दवा आई थी। जिसे बाद में केंद्रीय औषधि भंडार से सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों को वितरण के लिए भेजा था। नमूना फेल आने के बाद औषधि निरीक्षक आशुतोष चौबे ने सीएमओ कार्यालय पहुंचकर नोटिस रिसीव कराया। नोटिस रिसीव कराने पहुंचे ड्रग इंस्पेक्टर ने सरकारी आपूर्ति में आईं पांच और दवाओं के केंद्रीय औषधि भंडार से नमूने लिए। इसमें गामाबेनजीन हैक्सा क्लोराइड लोशन का दूसरा बैच, मल्टीविटामिन सीरज, हरपीस की दवा एसीक्लोविर टेबलेट, एंटीबायटिक अजीमोट्रोमाइसिन टेबलेट और बच्चों का बुखार का पीसीएम सीरप शामिल है। जिन्हें एकत्रित कर संबंधित निर्माता कंपनी को वापस किया जाएगा। नोटिस का जवाब मिलने पर दवा की गुणवत्ता में कमी को लेकर कंपनी के खिलाफ अगली कार्रवाई की जाएगी।