मुंबई। फार्मा कंपनी सिप्ला अपनी बड़ी हिस्सेदारी बेच सकती है। ब्लॉक डील के अंतर्गत सिप्ला अपने प्रमोटर परिवार और ओकासा फार्मा को हिस्सेदारी बेचने के मूड में है। यह 2.53 प्रतिशत की हो सकती है। बताया जा रहा है कि यह डील 2,637 करोड़ रुपये की हो सकती है।
कंपनी ने ब्लॉक डील की प्लानिंग की है। चर्चा है कि आखिर ये कंपनी किसके पास जाने वाली है और इस डील से दवाओं की कीमतों पर क्या असर होगा।
एकमात्र ब्रोकर कोटक सिक्योरिटी
मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि सिप्ला अपने प्रमोटर परिवार और ओकासा फार्मा को ब्लॉक डील के तहत हिस्सेदारी बेच सकती है। यह 2.53 प्रतिशत की हो सकती है। यह डील 2,637 करोड़ रुपये की हो सकती है। बता दें कि इस डील का एकमात्र ब्रोकर कोटक सिक्योरिटी है। इसमें विक्रेता के लिए 90 दिन का लॉक-इन पीरियड रह सकता है।
सिप्ला की यह ब्लॉक डील 1,289.5 रुपये प्रति शेयर से लेकर 1,357.35 रुपये प्रति शेयर के बीच होने की संभावना है। गौरतलब है कि सिप्ला में प्रमोटरों की हिस्सेदारी मार्च 2024 में 33.47 प्रतिशत थी। कंपनी में जनवरी-मार्च तिमाही में म्यूचुअल फंड और स्नढ्ढढ्ढ या स्नक्कढ्ढ ने अपनी हिस्सेदारी क्रमश: 16.66 प्रतिशत से बढ़ाकर 16.83 प्रतिशत और 25.73 प्रतिशत से बढ़ाकर 25.82 प्रतिशत की।
कंपनी का ये है प्लान
जहां एक तरफ सिप्ला की हिस्सेदारी बेचने की बात हो रही है, वहीं दूसरी तरफ कंपनी वजन कम करने के लिए बनाई जा रही दवाइयों के सेक्टर में एंट्री करना चाह रही है। मोटापे की बढ़ती समस्या के कारण इस सेक्टर में इसके समाधान की मांग बढती जा रही है। इसलिए कंपनी मोटापा रोधी दवा का निर्माण करने पर काम कर रही है।
टॉरेंट फार्मा ले रही इंटरेस्ट
सिप्ला की पारिवारिक हिस्सेदारी खरीदने के लिए टॉरेंट फार्मा ने दिलचस्पी दिखाई है। चर्चा है कि इसके लिए टॉरेंट फार्मा ने कंसोर्टियम में सिप्ला की हिस्सेदारी खरीदने के संपर्क भी किया है।
ये रहे तिमाही परिणाम
सिप्ला के मार्च तिमाही के नतीजे बहुत ही बेहतर रहे. कंपनी के नेट प्रॉफिट में 78.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इसके बाद शुद्ध लाभ बढक़र 931.87 करोड़ रुपये हो गया है।