हैदराबाद। फार्मेसी के गोदाम पर छापा मारकर खाद्य उत्पाद के रूप में निर्मित विटेंसी कैप्सूल जब्त किए गए हंै। यह कार्रवाई टीएस ड्रग कंट्रोल एडमिनिस्ट्रेशन (टीएसडीसीए) के ड्रग इंस्पेक्टरों ने की।

टीएसडीसीए ने ब्लूटेन फार्मेसी, पेट बशीराबाद, कुथबुल्लापुर के परिसर में छापामार कर विटेंसी कैप्सूल को जब्त किया। इसे खाद्य लाइसेंस (एफएसएसएआई लाइसेंस) के तहत खाद्य उत्पाद या न्यूट्रास्युटिकल के झूठे दावे के रूप में गलत तरीके से निर्मित किया गया था।

जब्त किए गए कैप्सूल नॉक्स लाइफ साइंसेज, गुल्लरवाला गांव, सोलन, हिमाचल प्रदेश में निर्मित पाए गए हैं। इनको एक्सेनिक हेल्थकेयर, मालकपेट द्वारा खाद्य उत्पाद/न्यूट्रास्युटिकल के रूप में अवैध रूप से बिक्री किया जा रहा था।

कैप्सूल के लेबल पर भ्रामक दावा

उत्पाद विटेंसी कैप्सूल के लेबल पर दावा किया गया है कि इसमें चिकित्सीय खुराक सीमा के भीतर आने वाली मात्रा में विटामिन शामिल हैं। इस कारण औषधि नियमों की अनुसूची के अनुसार, उत्पाद को औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम के तहत नामति किया गया है। टीएसडीसीए के अनुसार इसे विटामिन की कमी के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवा माना जाता है।

ड्रग लाइसेंस के तहत होना चाहिए निर्माण

अधिकारियों के अनुसार विटेंसी कैप्सूल का निर्माण केवल औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम के तहत जारी ड्रग लाइसेंस के तहत किया जाना चाहिए। यह औषधि नियमों की अनुसूची-एम में उल्लिखित अच्छी विनिर्माण प्रथाओं (जीएमपी) का सख्ती से पालन करता है। इसे अनिवार्य रूप से औषधि नियमों की अनुसूची-एम और भारतीय फार्माकोपिया (आईपी) में निर्धारित गुणवत्ता मानकों को पूरा करना होगा।

कुल 30 विटेंसी कैप्सूल बरामद

ब्लूटेन फार्मेसी में छापेमारी के दौरान डीसीए अधिकारियों ने कुल 30 विटेंसी कैप्सूल (बी.नं. पीएफ-2743) जब्त किये हैं। खाद्य लाइसेंस के तहत गलत तरीके से निर्मित और बेची जाने वाली दवाएं अच्छी विनिर्माण प्रथाओं (जीएमपी) के अनुसार उत्पादित नहीं की जाती हैं। अक्सर भारतीय फार्माकोपिया (आईपी) में निर्धारित गुणवत्ता मानकों को पूरा करने में विफल रहती हैं। ऐसे उत्पाद मरीजों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर जोखिम पैदा करते हैं और इसके गंभीर प्रभाव हो सकते हैं।