जयपुर (राजस्थान)। फार्मेसी में डिप्लोमा और डिग्री कोर्स संचालित करने वाले संस्थानों में फैकल्टी के दो-दो जगह पर कार्य नहीं कर सकेंगे। यह निर्णय पीसीआई की सेन्ट्रल काउंसिल के सदस्यों की 107वीं बैठक में निर्णय लिया है। फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया, नई दिल्ली के रजिस्ट्रार कम सचिव अर्चना मुदगिल ने जयपुर समेत देश के सभी शहरों में संचालित संस्थानों के प्राचार्यों को अटेंडेस के लिए बायोमीट्रिक सिस्टम लागू करने के निर्देश दिए है। रजिस्ट्रार कम सचिव ने मशीन स्थापित करने के बाद नई दिल्ली स्थित ऑफिस को सूचना देना भी अनिवार्य है। फार्मेसी कोर्स करने वाले विद्यार्थियों को अब बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट का भी अध्ययन करना होगा। उल्लेखनीय है कि देश में हर साल 3 लाख फार्मासिस्ट राजस्थान समेत देशभर में 5 हजार 250 संस्थानों से हर साल 3 लाख फार्मासिस्ट कोर्स करके निकलते है। इनमें डिप्लोमा, बैचलर डिग्री और फार्म-डी शामिल है। फार्मा यूथ वेलफेयर संस्थान के प्रदेशाध्यक्ष प्रवीण कुमार का कहना है कि सरकार को जिस रफ्तार से कोर्स करके निकल रहे है। उसके हिसाब से रोजगार नहीं मिलने से डिप्रेशन का शिकार हो रहे है। केन्द्र सरकार की ओर से शिड्यूल-के लागू करने के विरोध में राजस्थान से 2 हजार पोस्टकार्ड के जरिए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री को लागू नहीं करने के लिए पत्र लिखा जा रहा है।