रोहतक। पीजीआई एक बार फिर चर्चा में आ गया है। यहां एक एचआइवी पीड़ित प्रसूता और नवजात को आधा-अधूरा इलाज देकर वापस भेज दिया गया। यही नहीं, प्रसूता के पति की एचआइवी जांच भी यह कहकर नहीं की गई कि संस्थान में किट ही खत्म हो गई है। मामला प्रसूता के रिश्तेदार द्वारा जिला बाल कल्याण समिति के चेयरमैन को शिकायत देने के बाद सामने आया है। कुछ दिनों पहले ही पीजीआई में एचआइवी पीड़ित दंपती ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया था।

बाल कल्याण समिति के चेयरमैन राजसिंह सांगवान को शिकायत करते हुए पीड़ित के रिश्तेदार ने आरोप लगाया है कि पीड़ित को प्रसव से पहले एंटी रेट्रोवायरल थैरेपी का उपचार नहीं दिया गया। उसके पति का एचआइवी टेस्ट भी नहीं किया गया। जब वह टेस्ट कराने के लिए पीजीआई स्थित सेंटर पर पहुंचे तो आरोप है कि किट खत्म होने की बात कहकर उनका टेस्ट करने से मना कर दिया। इसके बाद पीड़ित को घर जाने के लिए एंबुलेंस भी नहीं मुहैया कराई गई। उधर, जब इस मामले को लेकर पीजीआइ प्रबंधन से बात की गई तो कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला।