देहरादून। रुड़की के सालियर क्षेत्र की एक फैक्टरी में बिना लाइसेंस के दवाइयों का निर्माण किया जा रहा है। हालांकि विभाग ने इस फैक्टरी को सील कर रखा है, इसके बावजूद यहां रात में दवाएं बनाई जा रही हंै। इस मामले में फैक्टरी के निदेशक ने ही पुलिस और ड्रग विभाग से शिकायत की है। आरोप है कि शामली निवासी शेयर होल्डर फैक्टरी को जबरन अपने कब्जे में लेकर दवाइयां बना रहा है। गंगनहर कोतवाली क्षेत्र स्थित सालियर में माधोपुर रोड पर पैंथर हेल्थ केयर लिमिटेड के नाम से दवा फैक्टरी है। फैक्टरी के निदेशक सचिन सिंघल ने एसएसपी डी सेंथिल अबूदई कृष्णराज एस और ड्रग विभाग को शिकायत कर बताया कि फैक्टरी में शामली निवासी एक व्यक्ति आठ प्रतिशत का शेयर होल्डर है। उसने दबंगई दिखाते हुए फैक्टरी पर कब्जा कर लिया है। इसकी शिकायत उन्होंने पिछले साल डीएम और ड्रग विभाग से की थी। पांच फरवरी 2019 को ड्रग विभाग ने फैक्टरी का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया था। आरोप है कि इसके बाद भी फैक्टरी में वह चोरी छिपे दवाएं बनवा रहा था। शिकायत पर 18 फरवरी 2019 को एसडीएम और पुलिस ने निरीक्षण किया तो लाइसेंस निलंबित होने के बाद भी वहां दवाएं बन रही थीं।
इस पर एसडीएम ने फैक्टरी को सील कर दिया था। कुछ दिनों बाद बिना अनुमति के ही फैक्टरी की सील खोलकर फिर से चोरी छिपे यहां दवा निर्माण का काम शुरू कर दिया गया। उन्होंने इसकी शिकायत फिर डीएम से की और फैक्टरी लाइसेंस निरस्त होने के दस्तावेज भी दिखाए। आरोप है कि शिकायत करने पर उक्त व्यक्ति फैक्टरी में नकली दवाएं बनाकर झूठे केस में फंसाने की धमकी दे रहा है। निदेशक सचिन सिंघल ने व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। साथ ही गंगनहर कोतवाली में भी शिकायत की है। इस संबंध में एसएसआई देवराज शर्मा ने बताया कि फैक्टरी जाकर जांच की गई। वहां दवाई बनाई जा रही थी, लेकिन कोई भी दस्तावेज नहीं दिखाए गए। तत्कालीन ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने फैक्टरी सील होने के बाद उत्पादन पर रोक लगा दी थी। अब यह फैक्टरी रात में अवैध रूप से चल रही है। मामले में जांच कर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। उत्तराखंड ड्रग कंट्रोलर ताजवर सिंह ने बताया कि इस फैक्टरी का लाइसेंस निलंबित है। ऐसे में फैक्टरी में दवाई नहीं बनाई जा सकती। अगर ऐसा मामला मिला तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।