नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी सरकार ने राजधानी के निजी अस्पतालों में गरीबों का इलाज न करने के मामले में 5 बड़े अस्पतालों पर करीब 700 करोड़ रुपए का जुर्माना किया है। एक दैनिक अंग्रेजी अखबार की मानें तो  सरकार ने ओखला स्थित फोर्टिस, एस्कॉर्ट हार्ट इंस्टीच्यूट, धर्मशीला कैंसर अस्पताल, मैक्स, पुष्पावती सिंघानिया और शांति मुकुंद अस्पताल को नोटिस भेजकर जुर्माने की जानकारी दे दी है।
नोटिस में मामले पर जवाब मांगने के साथ-साथ जुर्माने का पैसा भी जमा करवाने को कहा गया है। स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त निदेशक (ईडब्ल्यूएस) डॉ. हेमप्रकाश ने बताया कि मैक्स सुपर स्पेसिएलटी (साकेत), फोर्टिस एस्काट्र्स हार्ट इंस्टीट्यूट, शांति मुकुंद अस्पताल, धर्मशिला कैंसर अस्पताल और पुष्पावती सिंघानियां रिसर्च इंस्टीट्यूट को इस शर्त पर सन् 1960 और सन् 1990 के बीच रियायती दरों पर जमीन दी गई थी कि वे गरीबों का मुफ्त इलाज करेंगे।
प्रकाश के मुताबिक, इन पांचों अस्पतालों ने शर्तों का पालन नहीं किया है। दिसंबर 2015 में भी इन अस्पतालों को नोटिस भेजकर सफाई मांगी थी कि वे गरीबों का इलाज करने में क्यों पीछे रहे। लेकिन किसी ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि यह जुर्माना वर्ष 2007 में एक जनहित याचिका पर उच्च न्यायालय के फैसले के आधार पर लगाया गया है। याचिका में मुफ्त इलाज के प्रावधान को लागू करने और दोषी अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई थी। उसी अनुसार जुर्माना राशि तय की गई है। जानकारी के अनुसार दिल्ली में 43 अस्पतालों को रियायती दरों पर जमीन दी गई थी और इसमें गरीब मरीजों के लिए 10 फीसदी बेड और बाह्य रोगी विभाग में 25 फीसदी स्थान मुफ्त इलाज का प्रावधान रखा गया था। सूत्रों की मानें तो सरकार अब अन्य अस्पतालों के कागज भी खंगालेगी।