रायगढ़ (छ.ग.)। देश की नामचीन एबॉट हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की एंटी डायरियल फ्लेजिल टेबलेट मानकों पर खरी नहीं उतरी है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शहर के मेडिकल स्टोर से इस दवा का सैंपल लेकर जांच के लिए लैब भेजा था। जांच रिपोर्ट में इसे अमानक बताया गया। इसके बाद प्रदेशभर से इस दवा को वापस मंगवा लिया गया है। वहीं, कंपनी को पत्र लिखकर देशभर के थोक विक्रेता और दवा दुकानों से यह दवा रिकॉल करने के लिए कहा है। दवा को अमानक पाए जाने के बाद इसकी बिक्री रोक दी है। ड्रग इंस्पेक्टर अमित राठौर ने बताया कि उन्होंने दिसंबर 2017 में गांधी चौक स्थित प्रगति इंटरप्राइजेस से फ्लेजिल-400 टेबलेट के सैंपल लिए थे।
सैंपल को रायपुर कालीबाड़ी चौक स्थित लैब में जांच के लिए भेजा। लैब ने जांच के बाद रिपोर्ट रायगढ़ भेजी। जिस टैबलेट का सैंपल भेजा गया, वह टूटी हुई थी। इसकी गुणवत्ता खराब होने की शंका जताई गई थी। डीआई ने इसे गंभीरता से लेते हुए तत्काल दवा विक्रेता को नोटिस जारी कर खरीदे गए व बेचे गए दुकानों के नाम पूछे और दवा वापस मंगाने के निर्देश दिए। डीआई ने रायपुर ड्रग विभाग को पत्र लिखा, जिसके बाद पूरे प्रदेश से यह दवा वापस मंगा ली गई। मामले में छत्तीसगढ़ डिप्टी ड्रग कंट्रोलर ने कंपनी और ड्रग कंट्रोलर आफ इंडिया को पत्र लिख कर टेबलेट की पूरी बैच पर प्रतिबंध लगाने के लिए कहा। बाजार में अपनी विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए कंपनी ने देश के दूसरे प्रदेशों से भी दवा की खेप वापस मंगा ली है।