अंबाला। बच्चों को खांसी-बुखार में दी जाने वाली कोल्ड सिरप के सेवन से किडनी फेल होने से मौत हो गई। इस मामले को लेकर हरियाणा प्रदेश में इस सिरप की बिक्री पर रोक लगा दी गई है। वहीं, औषधि विभाग ने अंबाला में निकलसन रोड पर स्थित शिवा मेडिकल हॉल पर दबिश देकर सिरप की 300 बोतलें बरामद की हैं। इसके अलावा पानीपत में गोहाना रोड स्थित पदमा मेडिकल स्टोर से कोल्ड सीरप की 162 शीशी बरामद की हैं। हरियाणा ड्रग एंड कंट्रोलर नरेंद्र आहूजा ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के ड्रग्स कंट्रोलर ने हरियाणा ड्रग एंड कंट्रोल डिपॉर्टमेंट को एक पत्र लिखा है कि जेएंडके के उधमपुर के रामनगर क्षेत्र में खांसी-बुखार से पीडि़त बच्चों को जब यह सिरप दिया गया तो उनकी तबियत और ज्यादा बिगड़ गई। कुछ बच्चों की सिरप की वजह से किडनी फेल होने से मौत हो गई है। इस सिरप का सैंपल पीजीआई से टेस्ट कराने पर हानिकारक पाया गया है। इसके चलते पूरे हरियाणा में यह कार्रवाई की जा रही है।
उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश के काला अम्ब में स्थित डिजिटल विजन फार्मा कंपनी में निर्मित इस दवा की अम्बाला में शिवा मेडिकल के पास डिस्ट्रीब्यूटरशिप है। इसलिए यहां पर कार्रवाई करने के लिए टीम पहुंची थी। इंडस्ट्रियल एरिया से यह सिरप शिवा मेडिकल एजेंसी के पास आ चुकी है जिसका बैच नंबर भी मिल गया है। इसलिए यह सिरप बरामद कर लिया गया है। सैंपल को जांच के लिए भेजा है। यदि जांच के दौरान सैंपल में अशुद्धि मिलती है तो कंपनी के साथ-साथ दवा विक्रेता पर भी कार्रवाई होगी। नए प्रावधान के मुताबिक दवा विक्रेता को यह साबित करना होगा कि उसने सिरप बिल पर ली है। इसके अलावा कोई छेड़छाड़ नहीं की और उसे उचित तापमान पर भी रखा है। यदि कहीं पर भी लापरवाही मिली तो दवा विक्रेता भी कंपनी के बराबर जिम्मेदार होगा। राज्य औषधि नियंत्रक नरेंद्र आहूजा ने बताया कि दवा निर्माण में डाइथिलीन ग्लाइकोल का इस्तेमाल होता है। इसी वजह से दिक्कत आई है। कंपनी ने जांच करके इसे सिरप में नहीं डाला है और डाई एथलीन ग्लाइकोल की वजह से अशुद्धि आ गई है। इसी से बच्चों की किडनी फेल हो जाती हैं। नियंत्रक आहूजा ने बताया कि यदि सैंपल की जांच के दौरान सिरप में डाई एथलीन ग्लाइकोल मिला तो निर्माणकर्ता को उम्रकैद की सजा भी हो सकती है। फिलहाल हरियाणा, पंजाब और जम्मू-कश्मीर में छापामारी की जा रही है।