अलवर। शहर के बाजार में सरकारी सप्लाई की दवा खुलेआम बेचे जाने का मामला प्रकाश में आया है। सरकारी अस्पताल में सप्लाई होने वाली दवा निजी खरीद के दौरान सामान्य अस्पताल में पहुंचने पर इस बात का खुलासा हुआ। गौरतलब है कि अस्पताल में लम्बे समय से दमा की दवा सप्लाई नहीं हो रही थी। इससे मरीज खासे परेशान चल रहे थे। अस्पताल प्रशासन ने निजी बाजार से दमा की सीरप सालबुटामोल सेल्फट सिरप खरीदी। ‘सालमोल’ नाम की इस दवा पर सरकारी सप्लाई व नोट फॉर सेल प्रिंट है। दवा पर उसका मूल्य प्रिंट नहीं है। जबकि निजी बाजार से खरीदी गई दवाओं पर उसका रेट प्रिंट होता है।
बता दें कि जिन दवाओं की अस्पताल में कमी होती है, उन दवाओं को अस्पताल प्रशासन निजी बाजार से खरीदता है। इस दवा पर रेट प्रिंट न होने से साफ है कि दवाओं की खरीद में गड़बड़ी हुई है। ज्ञातव्य है कि राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में यह कोई नया मामला नहीं है। इससे पहले भी दवाओं में इसी तरह से गड़बड़ी का मामला सामने आ चुका है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग की ओर से ऐसे मामलों में गंभीरता से कार्रवाई नहीं की गई। स्थानीय लोगों की मानें तो इस मामले में अब भी विभाग लीपापोती कर मामले को दबाने के प्रयास में जुटा है। अलवर के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. भगवान सहाय ने कहा कि इस मामले की जांच कराई जाएगी। लोकल बाजार से खरीदी गई दवाओं पर उसकी कीमत प्रिंट होती है। गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे।