अम्बाला। शोशल मीडिया पर एक सन्देश वायरल हुआ कि लीची बाजार से ले घर आने पर जब धूल-मिट्टी हटाने के मन से धोनी चाही तो पानी लगते ही उसमें से लाल रंग छूटने लगा, जिससे शंका हुई कि ये लीची पेड़ पर तो पकी नहीं बल्कि कच्ची ही तोड़ कर केमिकल लगा कर बेची गई है। इससे जहाँ मोटा कर वजन बढ़ाने की तरकीब अपनाई गई, वहीं कच्चापन छुपाने के लिए इसे रंग भी दिया। इसका स्वाद भी अटपटा था। मामले पर संज्ञान लेते हुए प्रशासनिक आदेशों के पश्चात जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुभाष चन्द्र ने टीम का गठन कर अम्बाला कैंट में जगह-जगह रेड कर लीची तथा केले सहित कई फलों के सैम्पल लिए। इन्हें विभागीय नियमानुसार करनाल लैब में जांच के लिए भेजा गया है। जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुभाष चन्द्र ने बताया कि जांच रिपोर्ट आने पर नियमानुसार कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।