रोहतक: बालीवुड बालाओं की पतली कमर के लटके-झटकों से आकर्षित आजकल लड़कियां जीवनशैली और खान-पान में बदलाव कर रही हैं और वह भी बिना किसी आहार विशेषज्ञ एवं चिकित्सक की सलाह लिए। दिमाग में एक धुन सवार है, मुझे करीना, कैटरीना-सा दिखना है।
टीन एज में प्रवेश करने वाली लड़कियों में यौवन निखारने के प्रति बढ़ता क्रेज उनके स्वास्थ्य के लिए खतरा होसकता है। फूड सप्लीमेंट कंपनियों के लुभावने विज्ञापन देख लड़कियों को फल-फू्रट, हरी-सब्जियों, दाल, घी-मक्खन से मानों चिढ़-सी हो गई है। बाजार के डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों में ही उन्हें स्वास्थ्य की कूंजी नजर आ रही है।
लड़कियों की इस चाहत ने अभिभावकों को परेशानी में डाल दिया है। पता चला है कि लड़कियों में विटामिन-प्रोटीन की कमी से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं का उनके दिमाग पर भी असर पड़ रहा है। स्त्रीरोग विशेषज्ञों ने भी इस बात पर चिंता जताई है। डॉक्टरों का कहना है कि जीवनशैली और खान-पान में बदलाव से लड़कियों का मासिक चक्र बिगड़ रहा है और इससे उन्हें शारीरिक और मानसिक परेशानियों से दो-चार होना पड़ता है। कमर दर्द, आंखों में दर्द, चिढ़चिढ़ापन, कॉमन-सी बात होने लगी है। ऊपर से स्मार्ट गैजेट और कंप्यूटर वर्क इन समस्याओं को बढ़ाने का काम करता है।
क्या करें:
- भोजन की थाली में हरी सब्जियों और घरेलू खाद्य पदार्थों को जगह दें।
- कम्प्युटर के सामने लंबे वक्त तक न बैठे
- मोबाइल और स्मार्ट गैजेट के अधिक प्रयोग से बचें
- योगा और हल्के-फुल्के आसन जरूर करें
- थोड़ी भी शारीरिक या मानसिक शंका हो, डॉक्टर से परामर्श लें