अम्बाला,बृजेंद्र मल्होत्रा। हरियाणा स्टेट फार्मेसी कॉउंसिल के वर्तमान चेयरमैन धनेश अधलखा से कॉउंसिल कार्यालय में मेडिकेयर न्यूज प्रतिनधि ने आवेदकों के डिप्लोमा इन फार्मेसी पंजीकरण में आ रही समस्या बारे जानकारी चाही तो उन्होंने बड़ा रहस्योद्घाटन किया। उन्होंने बताया कि वे दूसरे राज्यों से पढक़र आने वालों की सीबीआई से जांच करवाएंगे कि क्या आवेदक आपके कॉलेज में पढऩे आए थे?
गौरतलब है कि डिप्लोमा इन फार्मेसी या बैचलर इन फार्मेसी के आवेदकों को पढ़ाई के बावजूद हरियाणा में पंजीकरण हेतु कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। जबकि देश के किसी भी राज्य कॉउंसिल में ऐसा व्यवहार नहीं होता। कई आवेदकों ने न्यायालय में भी अपनी परेशानी दर्ज करवाई और पीसीआई को प्रथम पार्टी बनाया कि उनके द्वारा अधिकृत कालेज से पढ़ाई करने से उन्हें पंजीकरण नहीं मिल रहा। ऐसे में उन्हें धन हानि, समय हानि व मानसिक परेशानी से जूझना पड़ रहा है जिस पर पीसीआई ने हरियाणा स्टेट फार्मेसी कॉउंसिल को लिखा कि मामला न्यायालय तक न जाने दें। जिन आवेदकों ने हमारे अधिकृत कालेजों से पढ़ाई की उन्हें परेशान न करें। इस पर अधलखा ने कहा कि मैंने पीसीआई को बोल दिया कि मुझे अपने तरीके से काम करने दें। ऐसे में पीसीआई की मनोस्थिति क्या होगी, जब उनकी पंजीकृत राज्य इकाई ही उनका आदेश मानने से मना कर रहा हो। यहां बता दें कि कुछ समय पूर्व हरियाणा स्टेट कैमिस्ट एन्ड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के फार्मेसी मामलों के चेयरमैन राकेश मित्तल ने कॉउंसिल के चेयरमैन धनेश अधलखा को चुनौती दी थी कि आवेदकों को परेशान न करें। यदि स्वयं को फार्मेसी के अतिज्ञाता समझते हो तो खुले मंच पर प्रतिस्पर्धा कर लें। यदि चेयरमैन हार जाएं तो अपना पंजीकरण रद्द करवा लें और यदि मैं (राकेश) पराजित हुआ तो अपना पंजीकरण रद्द करवा लूंगा। इस पर भी चेयरमैन ने कोई उत्तर नहीं।