कोरोना संक्रमण से बचाव और संक्रमितों में वायरस लोड कम करने में प्रभावी साबित हो रही परजीवी कीड़ों को मारने वाली दवा आइवरमेक्टिन की बिक्री इस समय जोरों पर है। औषधि विभाग के सहायक औषधि नियंत्रक विश्वजीत दास गुप्ता के अनुसार, बाजार में तीन बड़ी कंपनियों की दवा उपलब्ध है। पहले औसतन 6000 यूनिट की बिक्री पूरे साल में होती थी। थोक दवा विक्रेताओं के अनुसार औसतन हर दिन दो सौ यूनिट बिक रही है। नवरूप मेडिको के सुनील कुमार के अनुसार पहले एक माह में एक-दो लोग आते थे, आज हर दिन करीब दस यूनिट की बिक्री हो रही है। एम्स, एनएमसीएच और पीएमसीएच के आसपास इसकी बिक्री काफी अधिक है। तो वहीं गत वर्ष से 350 फीसद अधिक यूनिट (एक स्ट्रिप में दो गोली) की अगस्त और सितंबर में ही बिक्री हो चुकी है। विगत दो माह में राजधानीवासी दो लाख से अधिक गोलियां खा चुके हैं। आलम यह है कि कई दुकानों में जाने पर किसी में एक में यह दवा मिल रही है। यह आलम तब है जब दुष्प्रभावों को देखते हुए बिना डॉक्टरी सलाह इसे नहीं लेना है। दरअसल आइवरमेक्टिन कई प्रकार से कोरोना वायरस पर असर करती है। यह वायरस को संक्रमित मनुष्य के अंदर जाने से रोकती है। साथ ही कोशिका के अंदर न्यूक्लीयस में भी जाने से रोकती है। यह अन्य दवाओं जैसे डॉक्सीसाइक्लीन व हायड्रोक्सी क्लोरोक्यून के साथ मिलकर भी प्रभावी कार्य करती है।