हरिद्वार। हरिद्वार में वीएलसीसी कंपनी में बिना लाइसेंस के सैनिटाइजर बनाने के का मामला पकड़ में आया है। आबकारी विभाग ने प्लांट हेड अशोक राजपूत को आबकारी अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर लिया है। बिना अनुमति के सैनिटाइजर बनाने के लिए महाराष्ट्र और दिल्ली से कच्चा माल मंगाया गया। जानकारी अनुसार सिडकुल की वीएलसीसी कंपनी में आबकारी विभाग के अफसरों ने दबिश दी। टीम को पता चला कि करीब छह लाख लीटर सैनिटाइजर विभिन्न प्रदेशों में भेजा गया था जबकि एक लाख लीटर सैनिटाइजर कैंपस में ही मिला था। इसे आबकारी विभाग ने जब्त कर लिया था। कंपनी ने सैनिटाइजर बनाने का लाइसेंस आठ जून को लिया था, लेकिन प्लांट में उत्पादन अप्रैल से ही चल रहा था। आबकारी निरीक्षक लक्ष्मण सिंह बिष्ट ने प्लांट हेड अशोक राजपूत पुत्र ओमप्रकाश निवासी रघुनाथ सोसायटी बहादराबाद के खिलाफ आबकारी अधिनियम की धारा 63 के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। इसके बाद आबकारी विभाग की टीम ने आरोपी प्लांट हेड को गिरफ्तार कर लिया। आरोप है कि बिना लाइसेंस के सैनिटाइजर बनाने के लिए स्प्रिट महाराष्ट्र और दिल्ली से खरीदे गए थे। जिला आबकारी अधिकारी पवन सिंह ने बताया कि आरोपी प्लांट हेड को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जा रहा है। बिना लाइसेंस के सैनिटाइजर बनाने का आरोप साबित होने पर वीएलसीसी के प्लांट हेड अशोक राजपूत को एक वर्ष की सजा हो सकती है। आबकारी अधिनियम के तहत इस धारा में एक वर्ष की सजा का प्रावधान है। सैनिटाइजर के इस अवैध कारोबार की जांच की आंच कंपनी के निदेशकों तक भी आ सकती है।