बिहार के सीतामढ़ी के पुपरी शहर में अवैध व फर्जी नर्सिंग होंम का जाल फैल चुका है। यहां करीब चालीस से अधिक अवैध नर्सिंग होम चल रहा है।
आपको बता दें कि फिलहाल शहर में तीन चार नर्सिंग होम हीं ऱजिस्टर्ड बताया जा रहा है। बाकी सभी नर्सिंग होम फर्जी ढंग से संचालित है। इसमें झोला छाप, क्वेक एवं फर्जी डॉक्टरों के द्वारा हीं इलाज किया जा रहा है।
जांच, दवा, इलाज से लेकर ऑपरेशन तक की बागडोर इन्हीं के हाथों में होता है। सभी नर्सिंग होम में चिकित्सक के नाम से फर्जी पर्ची छपवाकर मरीजों के गंभीर ऑपरेशन तक किया जा रहा है।
ग्रामीण इलाकों की सभी आशा कार्यकर्ता दलालों के माध्यम से मरीज को फंसाकर अबैध नर्सिंग होम में पहुंचाती हैं। यहां तक कि सरकारी अस्पताल में जानेवाली गर्वबती महिलाओं को बहला कर ऐसे होंम में भेज देती हैं।
यहां आलम यह है कि झोला छाप चिकित्सक से ऑपरेशन के नाम पर 50 प्रतिशत तक कमीशन वशूल लिया जाता है। वहीं एक चिकित्सक की माने तो कुछ आशा कार्यकर्ता भी मुख्य दलाल झांसे में आ जा रही है।
स्थानीय प्राशासन एवं विभाग के द्वारा अवैध नर्सिंग होम में जांच के लिए कोई ठोस करवाई नहीं की जाती है। यहीं कारण है कि झोला छाप दर्जनों क्वेक भी आज नर्सिंग होम चला रहा है। विभागीय करवाई सिर्फ कागज पर ही सिमट कर रह गया है।