गाजियाबाद। बी-फार्मा की छात्रा से रेप करने वाले प्रोफेसर को कोर्ट ने 10 साल कैद की सजा सुनाई है। साथ ही 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने केस के आईओ को भी जांच में लापरवाही का दोषी माना है। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता राजेंद्र कसाना ने बताया कि कविनगर क्षेत्र में रहने वाले एक शख्स की बेटी मेरठ रोड स्थित एक कॉलेज में बी-फार्मा कर रही थी। इस दौरान उसकी पहचान धर्मेंद्र सिंह से हुई थी। धर्मेंद्र वहां प्रोफेसर थे। छात्रा से धर्मेंद्र की दोस्ती हो गई थी। आरोप है कि 25 सितंबर 2010 में धर्मेंद्र ने छात्रा को नशीला पदार्थ पिलाकर उसके साथ रेप किया और उसके अश्लील फोटो खींच लिए। इसके बाद से वह छात्रा को ब्लैकमेल करता रहा और छात्रा से 50 हजार रुपये भी ले लिए। मामले की जानकारी होने पर छात्रा के पिता ने धर्मेंद्र के खिलाफ कविनगर थाने में केस दर्ज कराया। इसके बाद पुलिस ने प्रोफेसर को अरेस्ट कर जेल में बंद कर दिया। मामले में सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रही थी। जज अभिषेक श्रीवास्तव ने सबूत और गवाहों के आधार पर धर्मेंद्र को दोषी मानते हुए 10 साल कैद और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। वहीं, कोर्ट ने जांच में लापरवाही बरते के मामले में आईओ बीनू सिंह को दोषी पाया। कोर्ट ने जजमेंट की कॉपी डीएम के माध्यम से शासन को भेजने के भी आदेश दिए हैं।