सोलन। बुखार और खांसी जैसी आम बीमरियों के इलाज में काम आने वाली 50 दवाओं के सैंपल जांच में फेल पाए गए हैं। बता दें कि औषधि विभाग ने ये सैंपल देशभर के अलग-अलग क्षेत्रों से लिए थे। फेल मिले इन सैंपल में अकेले हिमाचल में बनीं सात दवाइयां शामिल हैं। इस बात का खुलासा मई माह के ड्रग अलर्ट में किया गया है।
इन रोगों की दवाइयां मिली फेल
हिमाचल प्रदेश में बुखार, अल्सर और खांसी, संक्रमण, उच्च रक्तचाप, मांसपेशियों की कमजोरी की दवाओं के सैंपल फेल आए हैं। इनमें सोलन जिले की चार, सिरमौर जिले की दो और ऊना के एक दवा उत्पादकों के सैंपल मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं।
यह है मामला
गौरतलब है कि केंद्रीय औषधि नियंत्रण संगठन ने देशभर के दवा उद्योगों से सैंपल लिए थे। इनमें हिमाचल के सात सैंपल सही नहीं पाए गए। हिमाचल में औद्योगिक क्षेत्र झाड़माजरी की अमेस्टर लैब कंपनी की संक्रमण की दवा सेफिक्सीम, सिरमौर के कालाअंब स्थित विद्याशय फार्मास्युटिकल कंपनी की उच्च रक्तचाप की दवा कार्वेडिलोल शामिल हैं।
इनके अलावा, बद्दी के संडोली स्थित हेल्थ बायोटेक कंपनी की मांसपेशियों की कमजोरी की दवा नियोस्टिग्माइन मिथाईल, सिरमौर के कालाअंब स्थित कासपेन फार्मास्युटिकल कंपनी की बुखार की दवा डाईफेंहाइड्रमिन, बद्दी के मानपुरा स्थित वीआईपी फार्मास्युटिकल कंपनी की अल्सर की दवा रेबिप्रोजोल फेल मिली है।
इनके अतिरिक्त, ऊना जिले की स्विश गेम्स बायोटेक कंपनी की उच्च रक्तचाप की दवा टेलमीसार्टन, साई रोड़ बद्दी स्थित एमडीसी फार्मास्युटिकल कंपनी की खांसी की दवा एसिटाइलसिस्टी एब्रोक्सोल दवा के सैंपल मानकों पर सही नहीं पाए गए।
राज्य ड्रग नियंत्रक मनीष कपूर ने इस बारे में जानकारी हुए बताया कि सैंपल फेल वाली दवाओं की कंपनियों को नोटिस भेजे गए हैं। इन उद्योगों को निर्देश दिए गए हैं कि बाजार से वे अपना स्टॉक वापस मंगवा लें। उन्होंने बताया कि औषधि विभाग की ओर से अपने स्तर पर भी इन दवाओं के सैंपल लिए जाएंगे।