अम्बाला। मद्रास तथा दिल्ली हाईकोर्ट ने ऑनलाइन फार्मेसी पर प्रतिबंध लगाया हुआ है ताकि दवा व्यवसाय में अनैतिक रूप से कार्य ना हो पाए। इसके बावजूद ई-फार्मेसी के संचालकों द्वारा न्यायालयों के आदेशों की पालना को ठेंगा दिखाते हुए आज भी प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर विज्ञापन के माध्यम से अप्रत्याशित छूट देते हुए दवा व्यापार का धंधा चलाए रखना मानों उन्हें कानून व्यवस्था एवं न्याय प्रणाली का कोई खौफ नजर नहीं आता।
इसे रोकने के लिए दवा व्यवसायियों की राष्ट्रीय संस्था ने हल्ला बोल नामक आंदोलन के माध्यम से सरकार को जगाने का जोर-शोर से प्रयास किया जा रहा है। इसके तहत देशभर के 1179 जिलों में 8 जनवरी को जिला उपायुक्त को ज्ञापन के माध्यम से गुहार लगाई जाएगी। ऑनलाइन फार्मेसी वालों की मनमानियों पर अविलंब अंकुश लगाने के लिए ज्ञापन में माननीय न्यायालयों के आदेशों की प्रतियां भी संलग्न की जाएंगी जिसके लिए राष्ट्रीय एवं राज्य संगठन पूर्ण रूप से एक्टिव नजर आ रहे हैं। देखना यह है कि दवा व्यवसायियों की राष्ट्रीय संस्था एआईओसीडी द्वारा अपनाए जा रहे गांधीवादी हल्ला बोल आंदोलन का सरकार पर क्या असर पड़ता है?