धनबाद। विभिन्न मल्टीनेशनल कंपनियों ने कोरोना काल में ब्रांडेड व जेनरिक दवाओं की कीमतों में भारी बढ़ोतरी कर दी है। ब्रांडेड में 30 फीसद जबकि जेनरिक दवाओं में पांच फीसद की वृद्धि की गई है। तो वहीं दूसरी तरफ धनबाद के ड्रग इंस्पेक्टर – आलोक कुमार के मुताबिक दवा की कीमतें बढ़ाने का अधिकार राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण देता है। प्राधिकरण के स्वीकृति के बाद ही कीमतें बढ़ती हैं। हालांकि दवा की कीमतें व गुणवत्ता को लेकर विभाग की ओर से मॉनिटरिग की जा रही है।

दरअसल धनबाद जिला केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश दुदानी ने कहा कि दवा कंपनियों द्वारा नए बैच में भेजी जा रही दवाओं के दामों में वृद्धि की गई है। दवा कंपनियों का कहना है कि दवा बनाने के लिए कच्चा माल (रॉ मैटेरियल) चीन से आता था। लेकिन अभी प्रतिबंध के कारण कच्चा माल मलेशिया, थाइलैंड आदि देशों से आ रहा है। इससे कीमतें बढ़ रही है। दूसरी बात, कि सरकार भी मल्टी नेशनल कंपनियों के दबाव में आ जाती है, इससे भी दाम बढ़ सकते हैं। गौरतलब है कि ब्रांडेड में 30 फीसद जबकि जेनरिक दवाओं में पांच फीसद की वृद्धि की गई है।

इसकी स्वीकृति राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण ने भी दे दी है। अब बैच बदलते ही नए कीमतों पर दवाएं आ रही है। लगभग एक वर्ष या छह माह पर बढ़ने वाली कीमत इस बार तीन माह के अंतराल पर ही बढ़ा दी गई है। पारासिटामोल, एंटीबायोटिक, एंटी एलर्जिकल, गैस, मल्टी विटामिन की दवाओं के दाम सबसे ज्यादा बढ़े हैं। विशेषज्ञों की मानें तो कोयलांचल में प्रति माह लगभग डेढ़ करोड़ रुपये की दवा का कारोबार होता है। लेकिन बढ़ी हुई कीमतों के कारण यह कारोबार लगभग 40-50 लाख रुपये ज्यादा बढ़ जाएगा।

दरअसल मानसिक रोगियों के लिए लिखी जाने वाली दवाओं में भी बढ़ातरी की गई है। एसिलाटोप्रैम 15 गोली की कीमत अगस्त में डेढ़ सौ रुपये थी। लेकिन अब इसकी कीमत बढ़ा कर 225 से 235 रुपये हो गई है। इसी ग्रुप की चार अन्य दवाओं की कीमतों में भी 30 से 40 फीसदी की वृद्धि हुई है। धनबाद में मानसिक रोगियों की संख्या भी ज्यादा है। ऐसे में अब इन रोगियों को भी जेब ज्यादा ढ़ीली करनी पड़ रही है।

मल्टी विटामिन दवाओं की कीमत में इजाफा कोरोना काल में सबसे ज्यादा मल्टी विटामिन, विटामिन सी सहित अन्य दवाओं की काफी मांग बढ़ी है। कोवाडेस्क, लिम्सी, प्रोटिन पाउडर, लाइकोगार्ड, न्यूरोकाइंड आदि के दाम में भी बढ़ोतरी की गई है। पाचन में काम आने वाले इंजाइम के भी कीमतें बढ़ गई हैं।