नई दिल्ली। ब्रेन ट्यूमर की नई दवा बच्चों में कैंसर के इलाज के लिए रामबाण सिद्ध होगी। ऐसा दावा किया गया है। जानलेवा ब्रेन ट्यूमर मेडुलोब्लास्टोमा के इलाज की यह नई दवा है। बताया गया है कि यह दवा पैंक्रियाटिक कैंसर के इलाज के लिए विकसित की गई थी।
अब इसे बच्चों में होने वाली घातक बीमारी के इलाज में भी असरदार माना जा रहा है। इस दवा का नाम ट्रिप्टोलाइड है और इसे चीनी दवा से बनाया गया है। यह दवा मेडुलोब्लास्टोमा के प्रीक्लिनिकल मॉडल्स में बेहद कारगर साबित हुई है। खास बात यह है कि ट्रिप्टोलाइड दवा का ब्रेन ट्यूमर के इलाज में इस्तेमाल करने पर कोई साइड इफेक्ट भी नहीं सामने आया है।
जर्नल ऑफ क्लिनिकल इन्वेस्टिगेशन में यह स्टडी प्रकाशित हुई है। पता चला है कि ट्रिप्टोलाइड दवा ब्रेन ट्यूमर से पीडि़त बच्चों का जीवन बढ़ा सकती है और कैंसर को नष्ट करने में मददगार है। दवा का एक विशेष रूप मिनेलाइड रीढ़ की हड्डी के पतले ऊतकों में कैंसर कोशिकाओं के प्रसार को कम करने में मददगार हो सकता है। ट्रिप्टोलाइड उन ट्यूमर्स में अधिक प्रभावी हो सकती है, जिनमें एमवाईसी नामक ऑन्कोजीन या जीन पाया जाता है। यह जीन कैंसर के उत्पन्न होने की क्षमता को दर्शाता है।
साउथ कैरोलिना मेडिकल यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर जेजाबेल रोड्रिगेज ब्लैंको ने यह रिसर्च की है। इसमें ट्रिप्टोलाइड और मिनेलाइड ड्रग पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इसके अलावा ट्रिप्टोलाइड की एमवाईसी नामक एक ऑन्कोजीन या जीन को टागरेट करने की क्षमता की खोज की गई। इसमें कैंसर उत्पन्न करने की क्षमता होती है। बताया गया है कि ट्यूमर में एमवाईसी (प्रोटो-ओंकोजीन) की जितनी ज्यादा प्रतियां होती हैं, ट्रिप्टोलाइड उतना ही बेहतर काम करती है।
शोधकर्ताओं ने रिसर्च में पाया कि मिनेलाइड ट्यूमर के विकास और ब्रेन व रीढ़ की हड्डी को ढकने वाले पतले टिशू में कैंसर कोशिकाओं के प्रसार को कम कर सकता है। इसे लेप्टो मेनिंगेस कहा जाता है। गौरतलब है कि मिनेलाइड का परीक्षण पैंक्रियाटिक कैंसर समेत अन्य कैंसर वाले वयस्कों के क्लीनिकल ट्रायल में किया जा रहा है।