पाली (राजस्थान)। चिकित्सा विभाग की ओर से ब्लडप्रेशर के मरीजों के लिए जिले के अस्पतालों में इस साल जुलाई में सप्लाई की गई बैच नंबर एटीटी-189 एम्लोडिपिन दवा लैबोरेट्री जांच में फेल मिली है। मरीजों द्वारा इस दवा को पत्ते (रैपर) के बाहर निकालते ही चूरा होने की शिकायत करने पर चिकित्सा विभाग ने अक्टूबर महीने में सैंपल लेकर जयपुर लैब में जांच करवाई। जांच में दवा कठोरपन के पैरामीटर पर खरी नहीं उतरी और निम्न गुणवत्ता की भी पाई गई। इसके बाद लैब प्रबंधन द्वारा दो महीने बाद 18 दिसंबर को जांच रिपोर्ट पाली चिकित्सा विभाग को भेजी गई। हैरत की बात तो यह है कि जब तक रिपोर्ट आई, तब तक जिले के ब्लडप्रेशर के मरीज 5 लाख एम्लोडिपिन खा चुके थे। जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना के तहत जिले के सरकारी अस्पतालों में ब्लडप्रेशर के मरीजों को एम्लोडिपिन दवा उपलब्ध करवाई जाती है। चिकित्सा विभाग की ओर से जुलाई महीने में सरकारी अस्पतालों में बैच नंबर एटीटी-189 की 5 लाख एम्लोडिपिन दवा सप्लाई की गई। यह टेबलेट रैपर में से निकालते ही चूरा हो जाती, इसे लेकर हाउसिंग बोर्ड के एक वरिष्ठजन सहित अन्य मरीजों ने भी चिकित्सा विभाग में शिकायत दर्ज करवाई। इस पर दवा के सैंपल जांच के लिए भेजे गए। एम्लोडिपिन दवा का सैंपल फेल होने के बाद भी अस्पताल में अभी भी इसी कंपनी की दूसरे बैच नंबर पर दवा सप्लाई हो रही है। अस्पताल में एलियांस बायोटेक, 440/3, गांव काठा, बड्डी, सोलन, हिमाचल प्रदेश की कंपनी द्वारा एम्लोडिपिन दवा की सप्लाई होती है। इसी कंपनी के बैच नंबर एटीटी- 189 की दवा जांच में मानक पर खरी नहीं उतरी।