मधुबनी। ब्लैक फंगस के इलाज के लिए महत्वपूर्ण दवा एंफोटेरेसिन-बी की 20 वायल सदर अस्पताल के स्टोर से गायब होने में नगर थाने में तीन स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। इसमें दो फार्मासिस्टों जयप्रकाश व भृगुनाथ प्रसाद को पूछताछ के बाद पुलिस ने शनिवार को जेल भेज दिया। स्टॉफ नर्स चंद्रकला कुमारी की अभी गिरफ्तारी नहीं हुई है। इस मामले में अस्पताल अधीक्षक ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी। मूलरूप से कालाजार के लिए उपयोग होने वाली दवा एंफोटेरेसिन-बी का आखिरी बार उपयोग कालाजार की रोगी मधवापुर की लल्ली कुमारी पर 14 अप्रैल को हुआ। मई में किसी रोगी को यह दवा नहीं दी गई। जिले में ब्लैक फंगस का कोई रोगी भी सामने नहीं आया है।
एक जून को स्टोर मिलान के दौरान दवा के दो पैकेट गायब मिले। एक पैकेट में 10 वायल दवा होती है। इस प्रकार स्टोर से 20 वायल दवा गायब है। 75 वायल दवा बची है। बाद में दवा की 20 खाली वायल डीपफ्रिजर में रखी मिली। तीन जून को जब अस्पताल प्रबंधक अब्दुल मजीद ने खाली वायल के बार में स्टाफ नर्स चंद्रकला से पूछा था। इसके बाद चंद्रकला ने अधीक्षक को इसकी जानकारी लिखित दी थी।
मामला सामने आने पर सिविल सर्जन ने दो सदस्यीय जांच टीम बनाई थी। टीम ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इसमें स्टोर रूम में तैनात सभी कर्मियों को दोषी पाया गया है। टीम ने फार्मासिस्ट जयप्रकाश व भृगुनाथ प्रसाद के साथ ही स्टाफ नर्स चंद्रकला कुमारी के निलंबन के कार्रवाई की अनुशंसा की है। साथ ही स्टोर रूम में तैनात डाटा इंट्री ऑपरेटर मोहन कुमार झा के स्थानांतरण की अनुशंसा की है। टीम ने दोनों फार्मासिस्ट व स्टाफ नर्स से दवा के मूल्य के बराबर राशि वसूली की अनुशंसा भी की है। टीम को जांच में दवा भंडार के सामने लगा सीसीटीवी खराब मिला।
स्टाफ नर्स चंद्रकला की भूमिका को भी जांच दल ने संदिग्ध माना है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कालाजार के मरीजों के इलाज में भी यह दवा उपयोग होती है। इसके लिए चंद्रकला दवा भंडार में जाती है। टीम ने इसकी कालाबाजारी की आशंका जताई है। सिविल सर्जन डॉ. सुनील कुमार झा ने बताया कि गिरफ्तार दोनों फार्मासिस्ट जयप्रकाश व भृगुनाथ प्रसाद पर निलंबन की कार्रवाई की जा रही है। अभी तक मास्टमाइंड सामने नहीं आया है। दवा की कस्टोडियन स्टॉफ नर्स चंद्रकला कुमारी से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। जवाब मिलने के बाद कार्रवाई की जाएगी।