लखनऊ। ब्लैक फंगस के जैसे जटिल संक्रमण के इलाज के लिए अब एक सस्ती दवा इजाद कर ली गई है। लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी ने मात्र 30 रुपये की गोली से ब्लैक फंगस के रोग को ठीक करने में सफलता पाई है।
इट्राकोनाजोल नामक दवा कारगत साबित
आंखों के ब्लैक फंगस संक्रमण के इलाज में इट्राकोनाजोल नामक दवा कारगर साबित हुई है। इस कारण केजीएमयू के इस सफल शोध के बाद जर्नल स्प्रिंगर ने इसे प्रकाशित कर इसको मान्यता दी है। केजीएमयू संक्रामक रोग के चीफ डॉक्टर डी. हिमांशु ने बताया कि कोविड के दौरान जब कोरोना मरीज का ट्रीटमेंट होता था तो उसके उपरांत ब्लैक फंगस जैसी आंखों में बीमारी हो जाती थी।
स्टेरॉइड के इस्तेमाल से ब्लैक फंगस
दरअसल, महामारी में मानव जीवन बचाने के लिए स्टेरॉइड का भी प्रयोग किया जाता था। इससे आंखो में ब्लैक फंगस होने लगते थे। बता दें कि यह कोई नई बीमारी नहीं है और इसके इलाज के लिए एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन इस्तेमाल में लाया जाता था। इस इंजेक्शन की कीमत लगभग दो हजार रुपये है। इसके अलावा, दो और दवाएं भी बाजार में हैं, जिनमें पोसाकोनाजोल और इसावुकोनोजोल के नाम शामिल हंै।
पोसाकोनाजोल टैबलेट 450 रुपये तक आती है। वहीं इसावुकोनोजोल की एक गोली बहुत महंगी है। इसकी कीमत 5800 रुपये के आसपास है। डॉ हिमांशु ने बताया कि रिसर्च के वक्त फंगल इंफेक्शन के मरीज को इट्राकोनाजोल दवा छह महीने दो-दो गोली रोज खाने के लिए दी गई। इसमें आश्चर्यजनक नतीजे सामने आए और मरीज की आंख में मौजूद ब्लैक फंगस बीमारी पूरी तरह से ठीक हो गई।
गौरतलब है कि ब्लैक फंगस एक दुर्लभ संक्रमण है। यह म्यूकोर मोल्ड के संपर्क में आने से होता है और जो आमतौर पर मिट्टी, पौधों, खाद और सड़ते फलों और सब्जियों में पाया जाता है। ज्यादातर सांस के जरिए वातावरण में मौजूद फंगस हमारे शरीर में पहुंचते हैं.