नई दिल्ली। चीन एक बेहद महत्वपूर्ण दवा को भारतीय बाजार में डंप कर रहा है। इससे घरेलु दवा बाजार को भारी नुकसान हो सकता है। यह दवा बैक्टीरियल इंफेक्शन को रोकने के लिए बेहद कारगर है लेकिन अभी चीन इस दवा को भारत के बाजार में डंप कर रहा है ताकि भारतीय दवा उद्योग को भारी नुकसान हो। सिप्रोफ्लोक्सासिन हाइड्रोक्लोराइड नामक यह दवा त्वचा, हड्डी, फेफड़े में संक्रमण, यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन और कई प्रकार के डायरिया को ठीक करने के काम आती है। भारत सरकार ने इस बात की जांच की और पाया कि चीन से आयात होने वाली सिप्रोफ्लोक्सासिन हाइड्रोक्लोराइड की मात्रा तेजी से भारतीय दवा बाजार में बढ़ी है। भारत में घरेलू स्तर पर इस्तेमाल होने वाली जरूरी दवा के निर्माण के लिए 90 फीसदी एक्टिव फार्मास्यूटिकल्स इन्ग्रेडिएंट्स का आयात चीन से होता है। भारत में चीन से 98 प्रतिशत सिप्रोफ्लोक्सासिन हाइड्रोक्लोराइड का निर्यात होता है। एक दवा एसोसिएशन के अधिकारी का कहना है कि घरेलू दवा की कीमत चीन की दवा से 3.3 डॉलर प्रति किलोग्राम ज्यादा है। इसकी वजह से यह दवा चीन से मंगाई जाती है, क्योंकि वहां से आई दवा सस्ती पड़ती है। डायरेक्टरेट जनरल ऑफ ट्रेड रेमेडीज ने 15 जून को जांच की रिपोर्ट दी। इसमें कहा गया है कि चीन इस दवा की भारत में इतनी ज्यादा डंपिंग कर रहा है कि हमें उस पर अब एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाने की तैयारी करनी पड़ रही है। अगले महीने इस दवा के संबंध में सभी संबंधित संस्थानों, कंपनियों और लोगों से बात करने के बाद एंटी डंपिंग ड्यूटी को लेकर फैसला लेगा।