नई दिल्ली। भारतीय फार्मा क्षेत्र की दुनियाभर में बेहतर इमेज बनी हुई है। हालांकि, खराब गुणवत्ता वाली दवाओं के निर्यात को लेकर कई देशों में मौत के समाचार मिले। इनसे विपक्ष ने आरोप भी लगाए। सरकार ने राज्यसभा में इन आरोपों का खंडन किया है। सरकार का दावा है कि भारतीय फार्मा क्षेत्र की छवि दुनिया भर में बरकरार है और वह विश्व का फार्मेसी बनकर उभरा है।
दवाइयों के निर्यात में 8.19 प्रतिशत की वृद्धि हुई
वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब दिए। उन्होंने कहा कि विश्व में भारत के फार्मेसी क्षेत्र की बेहतर छवि है और इसका प्रमाण भारत से दवाइयों के निर्यात में लगातार वृद्धि है। अप्रैल 2023 से दिसंबर 2023 के दौरान भारत से दवाइयों के निर्यात में 8.19 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
भारत का फार्मा क्षेत्र दुनिया में तीसरे नंबर पर
पटेल ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान लॉकडाउन के बावजूद भारतीय फार्मा क्षेत्र ने 100 से अधिक देशों में टीकों और अन्य दवाइयां सप्लाई की। मात्रा के लिहाज से भारत का फार्मा क्षेत्र दुनिया में तीसरे नंबर पर है, वहीं मूल्य के मामले में यह 14वें स्थान पर है।
घटिया दवाइयों के निर्यात की कुछ घटनाएं हुईं
उन्होंने कहा कि अभी भारतीय फार्मा क्षेत्र 55 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य का है। इसे 2030 तक बढ़ाकर 130 अरब डॉलर का बनाने का लक्ष्य है। उन्होंने इस बात को स्वीकारा कि घटिया दवाइयों के निर्यात की कुछ घटनाएं हुईं हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस मामले में जरूरी कदम भी उठाए हैं।