International Nurse Day: दुनिया भर में 12 मई को इंटरनेशनल नर्स डे (International Nurse Day) सेलिब्रेट किया जाता है। फ्लोरेंस नाइटिंगेल के जन्मदिवस पर इंटरनेशनल नर्स डे को मनाने की शुरुआत की गई। उन्हें मॉडर्न नर्सिंग की जनक कहा जाता है। हर साल नर्सों की सेवा भावना और उन्हें सम्मान देने के लिए इस दिन को सेलिब्रेट किया जाता है।
इंटरनेशनल नर्स डे के मौके पर आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि भारत की नर्सों की देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बहुत मांग है। विदेशों में रहने वाली भारतीय मुल्क की नर्से हर महीने डॉक्टरों से दोगुना कमा रही हैं।
विदेशों में भारतीय मुल्क की 7 लाख नर्से सेवाएं दे रही हैं (International Nurse Day)
भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) ने साल 2022 में एक रिपोर्ट जारी की थी जिसके अनुसार, भारत में सालाना नर्सिंग स्कूलों में 2 लाख से ज्यादा नर्सिंग कोर्स की सीट निकलती हैं। ज्यादातर नर्स ट्रेनिंग के बाद विदेश चली जाती हैं। भारत के अस्पतालों में करीब 24 लाख नर्सिंग स्टाफ की जरूरत है। जबकि 7 लाख से ज्यादा भारतीय नर्सें विदेशों में काम कर रही हैं।
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बता दें कि भारत की राजधानी दिल्ली में नर्स की सैलरी प्रतिमाह 25 हजार रुपए, जबकि छोटे शहरों में उन्हें आठ से 10 हजार रुपए ही मिलते हैं। वहीं, विदेशों में भारतीय नर्सें 2 से 2.5 लाख तक सैलेरी मिलती है। ट्रेंड नर्सेस एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अनुसार, देश में सालाना नर्सिंग पास करने वालों में 40 से 50 प्रतिशत लड़कियां दो साल के अंदर ही करियर बनाने के लिए विदेश चली जाती हैं। इसका सबसे बड़ा कारण उन्हें मिलने वाली सैलरी है।
भारत के इन राज्यों में एक भी नर्सिंग कॉलेज नहीं
वर्तमान में भारत में 5 हजार से ज्यादा नर्सिंग कॉलेज है। देश के 13 राज्य ऐसे हैं जहां एक भी नर्सिंग कॉलेज नहीं है। बिहार में मात्र 2 नर्सिंग कॉलेज है। झारखंड में मात्र 1 नर्सिंग कॉलेज है जबकि यूपी में 10, राजस्थान और मध्यप्रदेश में 11 नर्सिंग कॉलेज हैं।