नई दिल्ली: देश के कई स्थानों से एकत्र 14 सीवेज नमूनों में वैक्सीन से उत्पन्न पोलियो वायरस (वीडीपीवी) मिलने का मामला सामने आया है। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में ओरल पोलियो वैक्सीन (ओपीवी) के इस्तेमाल से जुड़ा मौजूदा टीकाकरण कार्यक्रम बीमारी के फैलाव की वजह बन सकता है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल का कहना है कि भारत पिछले 5 वर्षों से पोलियो मुक्त है।
जिस स्ट्रेन का पता चला है, वह वैक्सीन से उत्पन्न पोलियो वायरस (वीडीपीवी) है, न कि एक वाइल्ड पोलियो वायरस। वर्तमान वीडीपीवी स्ट्रेन को सीवेज के पानी में देखा गया है। बच्चों को वीडीपीवी ट्रांसमिशन का जोखिम नहीं है। पोलियो के लगभग एक प्रतिशत मामलों में लकवाग्रस्त पोलियो विकसित हो सकता है। कुछ लक्षणों में स्राव, आंतों और मांसपेशियों में दर्द, अंगों में ढीलापन, अचानक पक्षाघात और अस्थायी या स्थायी विकृत अंग, विशेष रूप से कूल्हों, एंकल और पैरों में परेशानी शामिल है।