प्रिय कैमिस्ट भाइयों,
देश के समस्त जिला पदाधिकारी पूरे जोश के साथ 30 मई 2017 मंगलवार के बंद को सफल बनाने के लिए पुरजोर प्रयास कर रहे हैं। 30 तारीख का यह बंद इसलिए तय किया गया है ताकि हम सभी केमिस्टों साथियों की दुकानदारी कायम रह सके, क्योंकि केंद्र सरकार पूरे तौर पर कैमिस्टों की दुकानों को बंद करवाने के अनेक नियम बना रही है। इसका नुकसान सिर्फ और सिर्फ कैमिस्ट साथियों को है। कुछ साथियों की यह सोच गलत है कि एक दो लोगों के सहयोग न करने से कुछ नहीं होगा।
साथियों, अगर आपकी दुकान ही बंद हो जाएगी तो फिर आपकी सोच कहां जाएगी। केंद्र तो नए नियम बनाता जाएगा और कैमिस्टों को इसका नुकसान होगा। इसके लिए सिर्फ हमारा संगठन ही कुछ कर सकता है, अतः सभी से अपील है कि हड़ताल में सहयोग करें ताकि आपका व्यापार सुरक्षित रहे। व्यापारी सुरक्षित होगा तब उसका परिवार एवं आप सुरक्षित होंगे, अन्यथा क्या होगा, ये किसी को भी नहीं मालूम।
सभी से निवेदन है कि हड़ताल में सहयोग करें ताकि दवा व्यापार सुरक्षित रह सके।
1. दिन प्रतिदिन रेट में परिवर्तन।
2. दवा कोई भी बनाए, केस दवा विक्रेता पर।
3. 3000 के स्थान पर 6000 लाइसेंस फीस प्रस्तावित।
4. विदेशी कंपनियों या बड़े-बड़े उद्योगपतियों के प्रभाव में आनलाइन दवा बिक्री को अनुमति देने के प्रयास।
5. ई पार्टल का आसमान से टपकना जैसे कि आजतक दवा विक्रेता आंख बंद कर दवा विक्रय कर रहे हैं।
6. ई पोर्टल नोडल एजेंसी हर दवा के पर्चे पर 200 रूपए तक चार्ज करेगी, इसमें किसका फायदा?
7. क्या ई पोर्टल किसी खराबी के चलते बंद नहीं होगा?
8. जहां कश्मीर से कन्याकुमारी तक गांव-गांव में कैमिस्ट 2000-3000 की औसत बिक्री करता है, यदि वह पोर्टल को अधिकतम 200 रूपए देगा तो अपने परिवार को क्या खिलाएगा सोचनीय है।
9. क्या देश का युवा नशे की प्रवृति में जाने से रूकेगा?
10. जब बड़े से बड़े फ्राड हो जाते हैं, तब नशे की दवा प्राप्त करने हेतु आनलाइनर पर नकली पर्चे की जांच कैसे होगी? उसकी नशे की दवा कैसे रूकेगी?
11. दवा विक्रेता के लिए फार्मासिस्ट की उपलब्धता पर जोर और आनलाइन के लिए 5वीं पास कोरियर वाला लड़का दवा बांटेगा, तब किस नियम का पालन होगा? यह सोचने का विषय है।
12. बिजली का अभाव, अनुमान के अनुसार अभी भी देश में 80 प्रतिषत दुकानें कम्प्यूटर से कोसों दूर हैं।
13. हाई फाई मोबाइल उनकी हैसियत से बहुत दूर, क्योंकि मुश्किल से ही पेट भर पाता है।
14. तब बगैर कम्प्यूटर एवं बिजली एवं हाई फाई मोबाइल के अगर दवा की खरीद बिक्री पोर्टल पर दर्ज नहीं हुई तो फिर देश की पीड़ित मानवता का क्या होगा? राम ही जाने।
15. ई पार्टल के काम न करने पर अगर दवा विक्रेता ने इमरजेंसी में मरीज के अटेंडेट को दवा देने से इंकार किया तो दवा विक्रेता को पिटने से कौन बचाएगा?
16. आज तक डाक्टर एवं हास्पिटल में मरीजों के परिजनों के द्वारा की जाने वाली मारपीट से कोई भी नहीं बचा पाता है।
सोचो भैया सोचो, अभी नहीं तो कभी नहीं, तो फिर जुट जाओ और कैमिस्ट भाइयों के हित में 30 मई की हड़ताल को सफल बनाएं।
धन्यवाद
एआईओसीडी जिंदाबाद
प्रदेष संगठन जिंदाबाद
जिला संगठन जिंदाबाद