मोतिहारी। सरकार स्वास्थ्य की समस्याओं को देखते हुए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में दवा भिजवाती है जिससे गरीब मरीजों का सही और समय पर इलाज हो सके। लेकिन हैरानी की बात यह है कि जीवन रक्षक दवाइयां रोगियों को नहीं देकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में यूं ही एक्सपायर हो जा रही है। फेंकी गई एक्सपायर दवाइयों की कीमत लाखों रुपये बताई जा रही है। इस संबंध में चिकित्सा पदाधिकारी डॉ मोहनलाल प्रसाद ने पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। पता कर मामले की जांच की जाएगी।

गौरतलब है कि एक ओर सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए गरीबों को मुफ्त इलाज व उपलब्ध कराने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है वहीं दूसरी ओर कुछ लापरवाह लोग इसे कूड़ेदान में फेंक कर इस पूरी कवायद को पलीता लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं। इस कड़ी में पताही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के पास एक्सपायर दवाओं के साथ 6 माह बाद एक्सपायरी होने वाली दवा को भी कूड़े के ढेर में फेंक दिया गया हैं। दरअसल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के भवन के बगल में पुरानी अस्पताल की बिल्डिग के पीछे बगीचे में एक्सपायर 6 माह बाद होने वाली एक्सपायर दवाइयां कूड़े में फेंकी हुई देखने को मिला।

कूड़े में फेंकी हुई दवाइयों की भनक जैसे ही ग्रामीणों की लगी कि स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों ने साक्ष्य छुपाने के लिए दवा को पत्ते से ढक दिया गया। बता दें कि फेंकी गई दवाओं में ओआरएस, डोमेस्टल, गर्भनिरोधक की गोली, दर्द की दवा, कैल्शियम, इंजेक्शन समेत कई तरह की दवाएं शामिल रहीं। सबसे आश्चर्यजनक बात यह कि इस दवा के बारे में अस्पताल कर्मी कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं। एक तरफ गरीब मरीज दवा के लिए भटक रहे हैं। वही दूसरी तरफ सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई दवा अस्पताल कर्मियों की लापरवाही के कारण एक्सपायर हो गईं।