रायपुर। रजबंधा मैदान की फरिश्ता कांप्लेक्स से लगी सड़क पर बड़ी मात्रा में एक्सपायर दवाइयां, टेबलेट और सिरप फेंक दिए गए। इनमें खांसी और शक्तिवर्धक सिरप के साथ-साथ कई तरह की टैबलेट और क्रीम वगैरह थीं। इसके आसपास कचरा बीनने वाले दो-चार बच्चे इकट्ठा हो गए और मवेशी भी पहुंचे। दरअसल ड्रग अफसरों के अनुसार जो दवाइयां कुछ हफ्ते की एक्सपायर रहती हैं, उसे संबंधित कंपनी को लौटाने का नियम है। ज्यादा समय हो गया तो उसे बायो मेडिकल वेस्ट के नियमों के अनुसार डिस्पोज करवाना चाहिए। विशेषज्ञों के अनुसार दवा बनाने में अलग-अलग कम्पोजीशन व केमिकल का उपयोग होता है। तय समय तक इसका प्रभाव एक सामान रहता है। एक्सपायरी का मतलब है कि केमिकल प्रभाव बदलने लगते हैं। ऐसे में फायदे के बजाय एक्सपायर्ड दवाइयों के साइड-इफेक्ट भी हो सकते हैं। वहीं अफसरों का कहना है कि यह घोर लापरवाही है, क्योंकि अगर मवेशी इसे खा लेते या बच्चे उठाकर ले जाते तो यह खतरनाक हो सकता है। जिसकी दवाइयां थीं, उस दुकानदार को कल ड्रग कंट्रोलर दफ्तर में तलब किया जा रहा है। अफसरों ने बताया कि इस अपराध में कारोबारी का ड्रग लाइसेंस भी रद्द हो सकता है। इंस्पेक्टर वर्मा ने बताया कि जांच में पता चला कि दवाइयों की एक दुकान कुछ साल से बंद थी। वह दूसरे कारोबारी ने ली और संभवत: उसी ने पहले से भरी दवाइयां सड़क पर फेंक दीं। इसके बाद ड्रग विभाग की टीम ने मौके से 14 बोरियों में फेंकी गई दवा उठाई।