चौमू (राजस्थान)। चौमू के मोरीजा गांव के एक मकान में फर्जी तरीके से भ्रूण लिंग की जांच करने वाला गिरोह पकड़ा गया है। गिरोह में से एक डॉक्टर की भूमिका निभाने वाला युवक मात्र दसवीं पास है। पीसीपीएनडीटी जांच टीम ने गांव कानपुरा चौमू निवासी गोविंदराम, नीमकाथाना के शीशराम व चौमू के ही सुरेन्द्र मोरिजा को मौके से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों के पास से उन्हें दी गई 35 हजार की राशि भी बरामद की गई है।
हैरानगी भरे इस मामले में गिरोह के लोग वॉशिंग मशीन की पाइप से एलईडी बल्ब जोडक़र गर्भवती महिला के पेट पर छूते और एलसीडी स्क्रीन पर गर्भ में भ्रूण का वीडियो दिखाते थे। पैसे कमाने की गर्ज से ये गर्भ में लडक़ी बताकर अबोर्शन के लिए उकसाते थे। पीसीपीएनडीटी के अध्यक्ष नवीन जैन ने बताया कि इस साल जनवरी में एक गिरोह द्वारा भ्रूण जांच की सूचना मिली थी। गिरोह के लोग एक गर्भवती महिला को चौमू के मोरीजा गांव लेकर आए। यहां पर चार्जेबल एलईडी बल्ब को वाशिंग मशीन की पाइप से लगाकर महिला के पेट पर बल्ब को घुमाया और स्क्रीन पर कन्या भ्रूण का वीडियो दिखा दिया।
उन्होंनेे ऐसा शो किया मानो सोनोग्राफी मशीन से ही जांच की जा रही हो। इन्होंने बिना किसी सोनोग्राफी मशीन के जांच में गर्भवती महिला को कन्या भू्रण होना बताकर गर्भपात के लिए प्रेरित किया। गर्भवती महिला की शिकायत पर गिरोह को मौके से दबोचा गया है। अध्यक्ष नवीन जैन ने बताया कि पूछताछ में आरोपियों ने ढोढ़सर के एक मेडिकल स्टोर संचालक के भी गिरोह से जुड़े होने की बात कही है। उक्त मेडिकल स्टोर संचालक को भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि उक्त आरोपियों को बीते वर्ष जनवरी माह में भी फर्जी जांच के मामले में गिरफ्तार किया गया था। रिहा होने के बाद ये फिर से अपने पुराने धंधे में लग गए।