नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (नोटो) को अगले साल तक 20 लाख लोगों को अंगदान का शपथ दिलाकर डोनर कार्ड उपलब्ध कराने का लक्ष्य दिया है। लक्ष्य में शत-प्रतिशत सफलता हासिल करने के लिए नोटो करीब 20 गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर देश भर मे अंगदान के लिए लोगों को जागरुक करेगा।
हालांकि अंगदान को लेकर सरकारी और गैर सरकारी स्तर पर जागरुकता के लिए पैसा भी बहाया जा रहा है और मेहनत भी हो रही है लेकिन कहीं कोई कमी है, जिस कारण आज भी लोगों में अंगदान को लेकर उतना उत्साह नहीं है, जितना मुहिम में जुड़े लोगों को अपेक्षा है। इस कारण विदेश की तुलना में हम अंगदान में बहुत पीछे है। नोटो के जरिये स्वास्थ्य मंत्रालय अंगदान के अपने मिशन में सफलता हासिल करना चाहता है।
नोटो निदेशक डॉ. विमल भंडारी के मुताबिक, अंगदान के लिए करीब एक लाख लोगों का पंजीकरण आवेदन नोटो कार्यालय में मिल चुका है। पश्चिम बंगाल में कार्यरत एक गैर सरकारी संगठन ने 10 लाख लोगों का अंगदान के लिए पंजीकरण कराया है। उस गैर सरकारी संगठन ने डेटा नोटो को सौंपा है। यानी अभी तक करीब 11 लाख लोगों को पंजीकृत किया जा चुका है। सरकारी लक्ष्य 20 लाख लोगों दस्तखत होने का है।
नोटो कार्यक्रम पर नजर डालें तो, देश भर में सभी मेडिकल कॉलेजों में ऐसा सेंटर होगा जहां किसी के ब्रेन डेड होने पर अंगदान कराया जा सके। देशभर में सर्जन डॉक्टरों को प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि दान में मिला अंग सुरक्षित निकाल कर उपयोगी रहने की अवस्था के भीतर जरूरतमंद में प्रत्यारोपित हो सके।