नई दिल्ली। मधुमेह से पीडि़त रोगियों में अब किडनी-आंखों की समस्याओं का खतरा कम हो सकेगा। इसके लिए वैज्ञानिकों ने कारगर उपाय खोज लिया है। इससे रोगियों को काफी राहत मिल सकेगी।
बता दें कि डायबिटीज वैश्विक स्तर पर बढ़ती गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। आंकड़े बताते है कि 20-79 वर्ष के 53.7 करोड़ से अधिक वयस्कों को मधुमेह (डायबिटीज) की समस्या हो सकती है। यानी आज लगभग हर 10 में से एक व्यक्ति मधुमेह के साथ जी रहा है। ऐसे ही चलता रहा तो यह संख्या 2030 तक 64.3 करोड़ और 2045 तक 78.3 करोड़ तक बढ़ सकती है।
डायबिटीज गंभीर क्रोनिक समस्या
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार डायबिटीज गंभीर क्रोनिक समस्या है। वहीं, इसके कारण शरीर के कई अन्य अंगों पर भी नकारात्मक असर होने का खतरा हो सकता है। अगर ब्लड शुगर लेवल अक्सर बढ़ा रहता है तो इसके कारण शरीर में कई और भी प्रकार की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। डायबिटीज की स्थिति के कारण आंखों, किडनी, लिवर, हार्ट पर नकारात्मक असर हो सकता है।
मधुमेह रोगियों के लिए लाभकारी होगी यह दवा
इन जोखिमों से बचाव के लिए विशेषज्ञों ने एक खास दवा की खोज की है। यह दवा डायबिटीज की जटिलताओं को कम करने में मददगार हो सकती है। शोधकर्ताओं का कहना है कि ये दवा मधुमेह रोगियों के लिए अत्यंत लाभकारी हो सकती है।
आंखों और किडनी का हो सकेगा बचाव
शोधकर्ताओं ने एक नई अवरोधक दवा की पहचान की है। इससे मधुमेह की दो जटिलताओं- आंखों और किडनी को होने वाली क्षति को रोकने में मदद मिल सकती है। अब तक चूहों पर किए गए शोध में इस दवा के विशेष लाभ देखे गए हैं, इंसानों पर अध्ययन शुरुआती चरणों में हैं।
अध्ययनकर्ता बताते हैं कि डायबिटीज रोगियों में होने वाली किडनी और आंखों की समस्याओं में पाया गया है कि इन विकारों में ग्लोमेरुलस (रक्त को फिल्टर करने वाली छोटी वाहिकाओं का नेटवर्क) में होने वाली समस्याओं को हेपरानेज अवरोधक ड्रग के माध्यम से कम किया जा सकता है। ये न सिर्फ ब्लड शुगर बढऩे के कारण आंखों को होने वाली क्षति से बचा सकती है, साथ ही किडनी की समस्याओं को कम करने में भी इससे लाभ मिलने के संकेत हैं।