नई दिल्ली। जीबी पंत अस्पताल में मरीजों की सेहत से खिलवाड़ किया जा रहा है। यहां खराब और कमजोर सीरिंज से उन्हें इंजेक्शन दिया जा रहा है। अस्पताल के डॉक्टर भी स्वीकारते हैं कि हाल ही में लाइफ लाइन कंपनी से सीरिंज, सर्जिकल इक्विपमेंट और ग्लव्स की मंगाई गई नई खेप में से कई ग्लव्स में ब्लड स्पॉट या छेद मिल जाते हैं। हर 10 में से एक सीरिंज खराब मिल रही है। अस्पताल प्रशासन से शिकायत करने पर जवाब मिलता है कि नई खेप में एक-दो सीरिंज ही खराब है। बाकी की क्वालिटी अच्छी है। इस समस्या से न सिर्फ डॉक्टर और मरीज परेशान हैं बल्कि नर्सें और लैब टेक्नीशियन भी परेशान हैं।
वार्डों से लगातार खराब और कमजोर सीरिंज की शिकायतें आ रही हैं। नर्सों ने बताया कि वार्ड में मरीजों को इंजेक्शन देने में यह सोचकर डर लगता है कि सीरिंज उनके शरीर में ही टूट न जाए। गौरतलब है कि अस्पताल में रोजाना 550 से अधिक सीरिंज का इस्तेमाल किया जाता है। इनमें से 10 फीसदी खराब निकल रही हैं। पैथॉलोजी में 300 से अधिक और वार्ड एवं ऑपरेशन थिएटर में रोजाना 250 सीरिंज इस्तेमाल होते हैं। उधर, जीबी पंत अस्पताल के एमएस डॉ. सुनील एम रहेजा का कहना है कि शिकायत मिली थी, लेकिन उसमें कोई दम नहीं है। एक-दो सीरिंज खराब होने का मतलब यह नहीं कि पूरी खेप ही खराब है। बाकी सीरिंज और अन्य सामानों की क्वालिटी अच्छी है।