रोहतक। रोहतक पीजीआई के मरीजों के लिए राहत की खबर है। 17 मार्च को अचानक पत्र जारी करके सभी डॉक्टर्स की छुट्टियां भी रद कर दी गई हैं। 24 से 29 मार्च तक कोई भी डॉक्टर किसी भी तरह की छुट्टी नहीं लेगा। इसका कारण यह है कि पीजीआईएमएस में नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) की टीम इसी सप्ताह आने की उम्मीद है। यह टीम पूरे संस्थान की व्यवस्थाएं जांचेंगी। अधिकारी तैयारी में जुटे हैं।
गौरतलब है कि कोरोना के कारण डॉक्टर दो साल से छुट्टी ठीक तरह छुट्टी नहीं ले पा रहे। 2020 में भी ऐसे छुट्टी रद कर दी गई थी। 2021 में कोरोना के मरीज कम हुए तो 1 से 24 दिसंबर तक पहले बैच की छुट्टी दी गई। 26 से 20 जनवरी तक दूसरे बैच की छुट्टी थी। दूसरे बैच वाले डॉक्टर छुट्टी पर गए तो कोरोना वायरस फिर हैवी होने लगा। बीच में ही छुट्टी रद करनी पड़ी। करीब 15-15 दिनों की छुट्टी शेष हैं। कुछ दिन बाद ओपीडी खुली और सब ठीक हुआ तो अब डॉक्टर अपनी शेष छुट्टियां मांग रहे हैं, लेकिन नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) की टीम के कारण उनकी 5 दिन की छुट्टी फिर रद कर दी गई।
यहां गौर करने लायक है कि डॉक्टर्स की छुट्टियां तो रद कर दी गई हैं, लेकिन जहां वे क्लास लगाते हैं, उन लेक्चर थिएटर (एलटी) पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। एलटी 3-4 जर्जर होने के कारण बंद पड़े हैं। छात्रों की संख्या के हिसाब से क्लास लगाने के लिए जगह ही नहीं है। एलटी 3-4 की ये हाल नई नहीं है सालों से छात्र और डॉक्टर परेशानी झेल रहे हैं। कई बार अधिकारियों को लिखित में भी दिया है, लेकिन एलटी ठीक नहीं करवाए जा रहे। अब यहां ताला लटका है। एलटी-1 भी कोई जर्जर हो गया था उसकी भी मरम्मत करवाई गई है। एलटी 5-6 नए बने हैं। एलटी 5 में 250 छात्रों के बैठने की कैपेसिटी है, लेकिन एलटी 6 छोटा है। यानी छात्रों की संख्या के हिसाब से अब भी पर्याप्त नहीं हैं।
संस्थान में एमबीबीएस की 250 सीट हैं। 2019-20 में 250-250 छात्र आ चुके हैं। इससे पहले सीट कम थी तो 2017-18 के 200-200 छात्र हैं। अब नया बैच तैयार हो रहा है। नया बैच आते ही एमबीबीएस करने वाले छात्रों की संख्या करीब 1150 हो जाएगी। एलटी-3 और 4 ठीक नहीं हो रहे। ऐसे में क्लास लगाने में समस्या पैदा होगी।