बदायूं (उत्तर प्रदेश)। राजकीय मेडिकल कॉलेज में दाखिल मरीज को एक्सपायरी डेट के इंजेक्शन लगाने पर तीन संविदा स्टाफ नर्स को बर्खास्त कर देने का मामला सामने आया है। इनमें दो पुरुष और एक महिला स्वास्थ्यकर्मी शामिल हंै। जानकारी अनुसार कस्बा ककराला निवासी कासिम को दो माह पहले पेट दर्द की शिकायत पर राजकीय मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। डॉक्टर ने बाहर से इंजेक्शन लाने को कहा तो परिवार वालों ने इंजेक्शन लाकर दे दिया। स्टाफ ने मरीज को इंजेक्शन लगाया तो उसकी हालत बिगड़ गई। जांच में पता चला कि मरीज कासिम को लगाए गए इंजेक्शन एक्सपायरी डेट के थे। मामला प्राचार्य तक पहुंचने पर तीन चिकित्सकों की जांच कमेटी बनाई गई। रिपोर्ट में बताया गया कि मरीज को एक्सपायरी डेट के तीन इंजेक्शन 24 घंटे के भीतर लगाए गए थे। जो इंजेक्शन डॉक्टर ने लिखा था, वह इमरजेंसी में नहीं था, लेकिन स्टोर में था। बावजूद इसके स्टाफ नर्स ने यह इंजेक्शन बाहर से लाने को कहा। आठ-आठ घंटे की तीनों स्टाफ नर्स की ड्यूटी थी और तीनों ने बिना देखे इंजेक्शन लगा दिए। इस मामले में मेल स्टाफ सुनील कुमार, अनिल कुमार व फीमेल स्टाफ नर्स पुष्पा देवी को दोषी पाते हुए उन्हें बर्खास्त कर दिया गया। प्राचार्य ने बताया कि डॉक्टर ने मरीज की बीएचटी पर इंजेक्शन लिखा था लेकिन, इमरजेंसी में न मिलने पर वो इंजेक्शन स्वास्थ्य कर्मी ने बाहर से लाने को कहा था। जबकि बिना देखे तीनों ने मरीज को इंजेक्शन लगा दिए।