नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार ने अब खून पर भी जीएसटी लगाने का फैसला कर लिया है। केंद्र ने खून की किट पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगाने की तैयारी कर ली है। सरकार का ये फैसला 1 जनवरी से देश भर में लागू कर दिया जाएगा। इस फैसले के लागू होते ही खून की थैली करीब 200 रूपए महंगी हो जाएगी।
मोदी सरकार के इस फैसला का बुरा असर सीधे तौर पर गरीब लोगों पर पड़ेगा। जहां केंद्र सरकार खून पर जीएसटी लगाने का फैसला 1 जनवरी से लागू करने जा रही है, वहीं इसका विरोध भी शुरू हो गया है। खून पर जीएसटी लगाने का आम जनता और एनजीओ विरोध कर रहे हैं तो खुद डॉक्टरों ने भी इस फैसले के खिलाफ विरोध दर्ज करवाया है। डॉक्टरों की माने तो खून को महादान कहा जाता है, ऐसे में इसे जीएसटी से मुक्त रखा जाना चाहिए।
मिली जानकारी के अनुसार, अभी 1 यूनिट खून की कीमत 1,050 रुपए है। जो कि जीएसटी लगने के बाद महंगा हो जाएगा। एक माह में पूरे देश में करीब 15 लाख यूनिट खून इकट्ठा होता है। जीएसटी लगने के बाद राज्य सरकारों को इसका काफी फायदा होने वाला है। शायद इसी कारण वो केंद्र के इस फैसले पर चुप है।
ब्लड कैरी बैग और प्लेटलेट कैरी बैग पर पहले जीरो प्रतिशत टैक्स था, जिस पर अब सरकार 12 प्रतिशत जीएसटी लगाने जा रही है। इसके अलावा एचबी पर पहले 5.5 प्रतिशत टैक्स था जो अब 18 प्रतिशत हो जाएगा। कुलमिलाकर देखा जाए तो केंद्र के इस फैसले का बुरा असर गरीब लोगों पर पड़ने जा रहा है, जो पहले ही महंगाई से काफी परेशान है।