वाराणसी। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) ने जानलेवा रोग कैंसर के खात्मे का तोड़ निकाला है। बीएचयू की इस उपलब्धि से न केवल भारत बल्कि दुनिया के लाखों लोग लाभान्वित होंगे। बीएचयू के आणविक एवं मानव आनुवंशिकी विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. गीता राय के निर्देश में शोध छात्रा खुशबू प्रिया ने अथक परिश्रम के बाद एक ऐसे नैनो कण का ईजाद किया है जो कैंसर सेल को नष्ट कर देगा। केले के पत्ते और सिल्वर नाइट्रेट से तैयार ऐसे नैनो पार्टिकल कैंसर सेल को नष्ट करेगा। खास बात यह कि इसमें किसी तरह के केमिकल का इस्तेमाल नहीं किया गया है। इस नैनो पार्टिकल का कैंसर सेल लाइन और कैंसर ट्यूमर पर प्रयोग किया गया, जिसके चौंकाने वाले परिणाम मिले। प्रो. राय ने बताया कि नैनो पार्टिकल को तैयार करने के बाद तीन स्तर पर शोध किया गया है।
पहले कैंसर सेल में नैनो पार्टिकल को छोड़ा गया तो पता चला कि यह नैनो पार्टिकल 24 से 48 घंटे में करीब 50 प्रतिशत कैंसर के सेल को नष्ट कर रहा है। इस नैनो पार्टिकिल से सामान्य कोशिकाओं को तनिक भी क्षति नहीं पहुंची। उन्होंने कहा कि जब लैब में कैंसर सेल को सामान्य स्थिति में रखा गया तो सेल निरंतर बढ़ रहे पाए गए। कैंसर पीडि़त के सेल्स पर भी इस नैनो कण का इस्तेमाल प्रयोगशाला में किया गया, उसका परिणाम भी सार्थक रहा। डा. गीता के अनुसार शोध में सफलता के बाद पेटेंट फाइल हो चुका है। अब इसका लाइसेंस हासिल करने का प्रयास किया जा रहा है ताकि इसका जनहित में इस्तेमाल हो सके।
डॉ. राय के मुताबिक यह नैनो पार्टिकल जल्द ही कैंसर की वैकल्पिक दवा के रूप में दुनिया के सामने होगा। यह कैंसर सेल नष्ट करने में पूरी तरह से कारगर है। प्रयोगशाला में चार-पांच स्तर पर इसका परीक्षण किया गया है। इलेक्ट्रान माइक्रो स्कोपी, स्कैनिंग इलेक्ट्रो स्कोपी, ट्रांसमिशन, एक्सरे डिफरेक्शन आदि जांच में भी इसकी पुष्टि हो चुकी है। कैंसर की कोशिकाओं एवं रक्त पर काम चल रहा है जिसमें यह भी देखा जा रहा कि किन कारणों से वह कैंसर के सेल को मार रहा है और सामान्य सेल किस तरह से इससे सुरक्षित रह पा रहे हैं।