इंदौर। सरकारी मेडिकल कॉलेजों और इनसे जुड़े अस्पतालों में मुफ्त इलाज बंद होने जा रहा है। सिर्फ आयुष्मान कार्ड वालों को ही इसमें रियायत मिलेगी। सरकार के निर्देश पर प्रदेश के सभी कॉलेजों के डीन ने प्रस्तावित शुल्क का खाका खींच लिया है। इसे एग्जीक्यूटिव काउंसिल (ईसी) से मंजूर करवाने के बाद सरकार को भेजा जाएगा। वहां से स्वीकृत होने के बाद इसे लागू किया जाएगा। सरकारी आदेश में नि:शुल्क इलाज, जांच पर शुल्क तय करने के साथ उन दरों में बढ़ोतरी करने को कहा गया है, जिन पर अब तक नाम मात्र का पैसा लिया जाता है। इसमें ओपीडी भी शामिल है। इलाज की दरें आयुष्मान भारत योजना के तहत मिलने वाले पैकेज की निर्धारित दर की 60 फीसदी होगी। जानकारी अनुसार ओपीडीके चार्ज अब 10 रुपए के बजाए 20 रुपए, गेट पास 20 के बजाए 50 रुपए, आईसीयू 100 रुपए के स्थान पर 500 रुपए किए जाने संभावित हैं। वहीं, मेजर सर्जरी के 700 के बजाए 2000 रुपए लिए जा सकते हैं। इसके विपरित, महिला एवं शिशु उपचार, जननी सुरक्षा, पेंशनर्स की स्वास्थ्य योजनाएं, जिन्हें सरकार ने नि:शुल्क की श्रेणी में अधिसूचित किया है, वे आगे भी नि:शुल्क ही रहेंगी। इस संबंध में मेडिकल कॉलेज के डीन एमजीएम डॉ. ज्योति बिंदल ने बताया कि सरकार का आदेश मिल गया है। जिन मरीजों के पास आयुष्मान कार्ड नहीं होगा, उनसे न्यूनतम शुल्क लिया जाएगा। फिर भी निजी अस्पतालों की तुलना में यह 20 फीसदी से भी कम होगा। अभी शुल्क निर्धारण की प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही इसे फाइनल कर ईसी में मंजूर करवाएंगे। इसे कब से लागू करना है, यह सरकार तय करेगी। इंदौर के एमवायएच में 47 जांच फ्री हैं, इनके लिए अब 50 से 200 रुपए चार्ज तय किया जा रहा है। इनमें शुगर, एलएफटी, आरएफटी, सीबीसी, लिपिड प्रोफोइल, थायराइड आदि जांचें शामिल हैं।