बदायूं। अधोमानक दवाओं की सप्लाई लगातार जारी है। लेकिन अब अधोमानक दवाओं की सप्लाई करबे वाली कंपनियों पर काईवाई की तलवार लटकने लगी है। बता दें कि सरकारी अस्पतालों को अधोमानक दवाओं की सप्लाई करने वाली दवा कंपनियों के संबंध में शासन ने रिपोर्ट मांगी है। ऐसी दवा कंपनियों को ब्लैक लिस्टेड करने की तैयारी है। करीब डेढ़ साल के भीतर जिले में 20 दवाओं के नमूने फेल हो चुके हैं। इसके अलावा कुछ ऐसे मामले भी हैं जिनमें दवाओं के नमूने दूसरे जिलों में फेल होने के बाद यहां उनके वितरण पर रोक लगाई गई।

बता दें कि जिला अस्पताल और सीएमओ कार्यालय परिसर स्थित ड्रग हाउस से लिए गए नमूनों में एंटी बायोटिक पाउडर निओमाईसीन, कोलेस्ट्रोल बढ़ने से रोकने की टेबलेट, एटॉरवास्टीन, एंटी बायोटिक टेबलेट एरिथ्रोमाइसीन, त्वचा रोग में काम आने वाला लोशन लिग्नोकेल जेल आदि के नमूने भी जांच में फेल हो चुके हैं। प्रयोगशाला से जांच रिपोर्ट आने के बाद औषधि विभाग की ओर से संबंधित दवा कंपनियों को नोटिस दिए गए। कई दवा कंपनियों ने अधमानक होने की बात स्वीकार भी की। अब शासन ने ऐसी दवा कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है। सरकारी अस्पतालों के लिए दवाओं समेत अन्य सर्जिकल सामान की खरीद यूपी मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन करता है। इसके बद इन दवाओं को जिलों में स्थित ड्रग वेयर हाउस भेजता है।

वहां से दवाओं की सप्लाई सरकारी अस्पतालों में की जाती है। करीब आठ महीने पहले जिले में बड़े स्तर पर आयरन सुक्रोज नाम के इंजेक्शन का नमूना फेल हुआ था। यह इंजेक्शन प्रसव से पहले गर्भवती महिलाओं को दिया जाता था। सीएमओ-डॉ. विक्रम सिंह पुंडीर ने बताया कि जिन कंपनियों की दवाओं के नमूने जांच में अधोमानक पाए गए हैं उसके संबंध में शासन और मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन को लिखा गया है। इस संबंध में कार्रवाई शासन स्तर से ही होगी। बता दें कि यूपी मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन ने करीब दो साल पहले काम शुरू किया था।

दवाओं के स्टॉक के लिए आसारपुर इंडस्ट्रीयल एरिया में एक ड्रग वेयर हाउस भी बनाया गया। इस दौरान कई बार तो ऐसा हुआ है कि जिले को पहले तो दवाओं की सप्लाई दे दी गई। इसके बाद इन दवाओं को अधोमानक बताते हुए वितरण पर रोक लगा दी गई। औषधि निरीक्षक -नवनीत कुमार ने बताया कि जिन दवा कंपनियों के नमूने जांच में अधोमानक पाए गए थे उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है। इस संबंध में शासन को लिखा जा चुका है। अधोमानक दवाओं की सप्लाई करने वाली दवा कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।