नई दिल्ली। मेडिकल उपकरण के लिए नेशनल सिंगल विंडो पोर्टल (एनएसडब्ल्यूएस) लांच कर दिया गया है। देश में चिकित्सा उपकरणों के आयात, नैदानिक जांच, परीक्षण आदि को सुव्यवस्थित करने के लिए केंद्र सरकार ने यह एकल खिडक़ी प्रणाली शुरू की है। यह जानकारी भारत के औषधि महानियंत्रक राजीव रघुवंशी ने दी।

व्यापार में सुगमता आएगी : सीडीएससीओ

सीडीएससीओ के अनुसार एनएसडब्ल्यूएस एक वास्तविक एकल खिडक़ी प्रणाली है। यह निवेशकों की सभी मंजूरियों के लिए एकल मंच है। इससे व्यापार में सुगमता आएगी। उन्होंने बताया कि इस पोर्टल को आईटी दिग्गज टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने तैयार किया है।

इसमें नैदानिक जांच, परीक्षण, मूल्यांकन, प्रदर्शन या प्रशिक्षण जैसे विभिन्न उद्देश्यों के लिए चिकित्सा उपकरणों के निर्माण या आयात के लिए पंजीकरण प्रमाण पत्र और लाइसेंस के लिए आवेदन की सुविधा दी गई है। बताया गया है कि यह पोर्टल मौजूदा सुगम पोर्टल से अलग प्रकार का है। पुराने पोर्टल को 15 जनवरी तक बंद कर दिया जाएगा।

वित्त मंत्री ने बजट भाषण में की थी घोषणा

बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2020 के बजट भाषण में इनवेस्टमेंट क्लियरेंस सेल (आईसीसी) स्थापित करने की घोषणा की थी। सीडीएससीओ के अनुसार प्रस्तावित आईसीसी को निवेशकों, उद्यमियों और कारोबारियों के लिए एनएसडब्ल्यूएस नाम से ऑनलाइन पोर्टल के रूप में विकसित किया गया है।

निवेशकों को कारोबार शुरू करने से पहले मिलेगी सुविधा

एनएसडब्ल्यूएस से निवेशकों को भारत में कारोबार शुरू करने से पहले ही आवेदन, स्थिति की जांच और मंजूरियां हासिल करने की सुविधा मिल सकेगीे। निवेशकों को अब कई आईटी प्लेटफॉर्मों पर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

मेडिकल उपकरण

देश में 70 प्रतिशत मेडिकल उपकरण होते हैं आयात

गौरतलब है कि देश को 2030 तक 50 अरब डॉलर के मेडिकल उपकरणों की जरूरत होगी। फिलहाल अपने यहां करीब 7.6 अरब डॉलर के मेडिकल उपकरणों का उत्पादन होता है। इसमें से करीब 3.4 अरब डॉलर का निर्यात होता है। देश में मेडिकल उपकरणों की सालाना मांग 12 अरब डॉलर रहने का अनुमान है। इसमें से 7.6 अरब डॉलर के उपकरणों का आयात किया जाता है। कुल मलिाकर देश के मेडिकल उपकरणों की जरूरत का करीब 70 प्रतिशत आयात होता है।