सूरत (गुजरात)। मेडिकल स्टोर के कम पढ़े-लिखे कर्मचारियों द्वारा अवैध रूप से क्लीनिक चलाने का मामला पकड़ में आया है। शहर के स्लम एरिया में क्लीनिक चला रहे ऐसे 16 फर्जी डॉक्टरों को गिरफ्तार किया गया है। जांच में सामने आया कि केवल 10-12 कक्षा तक पढ़े-लिखे युवक बिना किसी मेडिकल डिग्री के मरीजों का इलाज कर रहे थे।

यह है मामला

सूरत स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप को सूचना मिली थी कि शहर के स्लम क्षेत्रों में झोलाछाप डॉक्टर मरीजों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हंै। सूचना पर डिंडोली, उधना और पांडेसरा इलाकों में छापेमारी की गई। जांच के दौरान सामने आया कि ये फर्जी डॉक्टर सामान्य बीमारियों के अलावा इंजेक्शन लगाने और ग्लूकोज की बोतलें भी चढ़ाने का काम कर रहे थे।

छापेमारी में इनके पास से एंटीबायोटिक्स, इंजेक्शन, बीपी मशीन, ग्लूकोज की बोतलें जैसी मेडिकल सुविधाएं मिलीं।
एसओजी के पीआई अतुल सोनारा ने बताया कि ये फर्जी डॉक्टर पहले किसी असली डॉक्टर के यहां कंपाउंडर का काम करते थे और वहीं से इलाज करना सीख गए थे। ये लोग स्लम एरिया के लोगों को निशाना बनाते थे क्योंकि वहां के लोगों को पता नहीं होता कि इलाज करने वाले व्यक्ति के पास मेडिकल डिग्री है या नहीं।

एसओजी की ओर से झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ अभियान चलाया गया। पांडेसरा और डिंडोली क्षेत्र के भीतर विभिन्न झुग्गी बस्तियों में सूरत नगर निगम के डॉक्टरों की एक टीम के साथ छापा मारा गया। डिंडोली क्षेत्र से सात, पांडेसरा क्षेत्र से नौ फर्जी डॉक्टर मिले। पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। फिलहाल स्वास्थ्य विभाग मामले की जांच में जुटा है।