शाहपुरा (राजस्थान)। कस्बे के एक क्लीनिक पर इंजेक्शन लगाने के बाद एक युवक की मौत हो गई। मृतक के परिजनों व ग्रामीणों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए क्लीनिक के बाहर हंगामा कर दिया। चिकित्सा विभाग की जांच में सामने आया कि रिटायर्ड कंपाउंडर मेडिकल स्टोर के लाइसेंस पर क्लीनिक चला रहा है। टीम ने क्लीनिक को सीज कर दिया। पुलिस ने कंपाउंडर के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर लिया है।
मृतक के परिजनों ने पुलिस को दी रिपोर्ट में बताया कि 28 वर्षीय गोपाल पुत्र भगवान भील को बुखार होने पर सांखलिया से शाहपुरा स्थित रिटायर्ड कंपाउंडर मोहम्मद अली के क्लीनिक में भर्ती कराया। इंजेक्शन लगाने के बाद देर शाम युवक की हालत बिगड़ गई। परिजन उसे शाहपुरा सैटेलाइट अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिजनों व ग्रामीणों ने शव लेने से मना कर दिया और क्लीनिक सीज करने व कंपाउंडर को गिरफ्तार करने की मांग पर अड़ गए।
एसडीएम त्रिपाठी के निर्देश पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी जगदीश जीनगर ने ड्रग कंट्रोलर जितेंद्र मीणा की अगुवाई में टीम शाहपुरा भेजी। टीम ने मामले की जांच शुरू की और क्लीनिक को सीज किया। चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि युवक को लेकर परिजन अस्पताल पहुंचे, इससे पहले उसकी मौत हो चुकी थी। परिजनों ने क्लीनिक पर गोली नहीं देकर इंजेक्शन लगाने की बात कही। चिकित्सा प्रभारी अशोक जैन के साथ की गई जांच में सामने आया कि मेडिकल स्टोर के लाइसेंस पर क्लीनिक संचालित किया जा रहा था। मेडिसिन की खरीद के बिल मिले, लेकिन बिक्री के बिल नहीं थे। स्टॉक रजिस्टर भी नहीं मिला। उन्होंने बताया कि ड्रग कॉस्मेटिक एक्ट के तहत मेडिकल स्टोर में क्लीनिक का संचालन नहीं किया जा सकता है। मौके पर नेबुलाइजर और बीपी इंस्ट्रूमेंट मिले। जांच में सामने आया कि मोहम्मद अली खुद मेडिकल फार्मासिस्ट व रिटायर्ड जीएनएम है। उसके पास मेडिकल स्टोर का लाइसेंस है। क्लीनिक संचालन का कहीं डिस्प्ले भी नहीं था। चिकित्सा प्रभारी डॉ. अशोक जैन ने बताया कि फिलहाल मेडिकल स्टोर का लाइसेंस कैंसिल किया जाएगा।