मुरादाबाद। बगैर लाइसेंस के चल रहे मेडिकल स्टोर पर छापा मारकर एक लाख रुपये की नशीली दवाएं बरामद की गई हैं। मेडिकल स्टोर को सील कर दिया गया है। जिला औषधि निरीक्षक मुकेश जैन के मुताबिक लोकोशेड के पास एक मेडिकल स्टोर पर छापा मारा गया। मेडिकल स्टोर संचालक से लाइसेंस मांगा गया तो वह लाइसेंस नहीं दिखा पाया। छानबीन में पता चला कि मेडिकल स्टोर का लाइसेंस फीस जमा नहीं होने से छह माह पहले निरस्त हो चुका है। मुकेश जैन ने बताया कि मेडिकल स्वामी दवाओं के बिल भी नहीं दिखा पाया। उसने बताया कि वह बाजार से थोक में दवाएं खरीदता है। टीम ने मेडिकल स्टोर से करीब एक लाख की दवाएं जब्त कर ली। इनमें पेट दर्द, एंटीबायोटिक और टीटी समेत नशे के कई इंजेक्शन शामिल हैं। बरामद दवाएं नामी कंपनियों की हैं। मुकेश जैन ने बताया कि मेडिकल स्टोर से आपराधिक प्रवृति के लोगों को नशीली दवाएं बेची जाती थीं। करीब दो घंटे तक स्टोर में छानबीन के बाद उसे सील कर दिया। सिविल लाइन थाने में मेडिकल स्टोर संचालक के खिलाफ ड्रग एंड कास्मेटिक एक्ट के अंतर्गत मुकदमा दर्ज करने की तहरीर दी गई है। छापामारी की कार्रवाई में औषधि निरीक्षक नरेश मोहन दीपक और अमरोहा के औषधि निरीक्षक राजेश कुमार भी शामिल रहे। मेडिकल स्टोर संचालक से पूछताछ के बाद कई थोक विक्रेता औषधि विभाग के जांच के दायरे में आ गए हैं। स्टोर संचालक ने दवाओं के खरीद को लेकर विभागीय अधिकारियों को कई जानकारियां दी हैं। अधिकारियों ने दवाओं के अवैध कारोबार करने वालों की जांच शुरू कर दी है। पूर्व में भी दवाओं का अवैध कारोबार का बड़ा नेटवर्क पकड़ा जा चुका है। औषधि निरीक्षक मुकेश जैन ने बताया कि नशे के लिए इस्तेमाल होने वाली दवाओं को मेडिकल स्टोर संचालक प्रिंट रेट से पांच से आठ गुना महंगी बेचता था। इस धंधे में वह थोक में सस्ती दवाएं खरीदकर दोहरा मुनाफा कमा रहा था। मेडिकल स्टोर से ई-रिक्शा चालक और ट्रेनों और बसों में जहर खुरानी गिरोह से जुड़े लोग उससे दवाएं खरीदते थे।