शाहजहांपुर: गुणवत्ता को लेकर विवादों में रही नेस्ले कंपनी का लोकप्रिय बाल आहार मैगी पर फिर उंगली उठी हे। यहां ताजा जांच में मैगी खाद्य मानकों पर खरी साबित नहीं हुई। प्रशासन ने कड़ी कार्यवाई करते हुए नेस्ले कंपनी समेत डिस्ट्रीब्यूटर और विके्रताओं पर 62 लाख जुर्माना लगाया है। मैगी सैम्पल फेल होने पर 45 लाख का जुर्माना नेस्ले कंपनी पर लगाया है जबकि डिस्ट्रीब्यूटर समेत छह विके्रताओं पर 17 लाख का जुर्माना हुआ है।
प्रशासन की इस बड़ी कार्रवाई से व्यापारियों में हडक़ंप मचा है। बता दें कि पिछले साल नवंबर में पूरे जिले में छापेमारी कर मैगी के सैंपल लिए गए थे। सैंपल फेल होने पर कोर्ट मे चले केस के दौरान सभी साक्ष्यों के आधार पर अपर जिलाधिकारी जितेंद्र शर्मा ने कड़ी कार्रवाई करते हुए 62 लाख का जुर्माना लगा दिया। प्रदेश में इसे अबतक की सबसे बडी कार्रवाई माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि मैगी सैम्पल की जांच में ऐश की मात्रा एक आनी चहिए थी, लेकिन यह मात्रा मानक से ऊपर तीन गुनी ज्यादा पाई गई। जिलाधिकारी ने बताया कि चूंकि मैगी बच्चे ज्यादा खाते हैं, लिहाजा ऐश की ज्यादा मात्रा उनके सेहत पर बुरा असर डाल सकती है।