कोरोना काल में नशे के लिए कफ सिरप का उपयोग बढ़ता जा रहा है। दरअसल अहमदाबाद में कोरोना संक्रमण काल में लागू हुए लॉकडाउन के चलते नशे के लिए नशीले पदार्थों आसानी से बाजार में उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। ऐसे में लोग नशे के लिए खांसी की दवाई कफ सिरप का उपयोग कर रहे हैं। खांसी की दवाई की बिक्री पर भी कोरोना के चलते कई पाबंदी और नियम लगाए गए हैं, उसके बावजूद भी नीति नियमों को ताक पर
रखकर और लाइसेंस के बिना इन खांसी की दवाईयों को बेचने का मामला सामने आया है। प्राथमिक जांच में सामने आया कि किरण एक साल से बिना लाइसेंस के इन कफ सिरप की फुटकर बिक्री कर रहा था।
मिहिर के भाई का मेडिकल स्टोर था, जिसे फूड एवं ड्रग विभाग ने ऐसे ही आरोप के चलते रद्द कर दिया था। उसके बाद से ही मिहिर बिना किसी लाइसेंस के कफ सिरप बेच रहा था। उसने इसे अहमदाबाद के कागडापीठ निवासी भरत चौधरी के पास से खरीदा था। इस मामले में बावला तहसील के चियाडा गांव निवासी किरण सिंह चौहान को पकड़ा गया है। उसे साथ लेकर और फूड एवं ड्रग विभाग की टीम को साथ में रखकर उसके बावला एपीएमसी मार्केट के पीछे स्थित गोदाम से कफ सिरप की 1169 बोतलें जब्त की हैं, जिनकी कीमत एक लाख 28 हजार रुपए है। इसके अलावा बावला के अल्कापुरी निवासी मिहिर पटेल को भी पकड़ा है। उसके गोदाम से कफ सिरप की 3773 बोतलें बरामद की है। जिसकी कीमत चार लाख 44 हजार रुपए है। बतादे स्टेट मॉनीटरिंग सेल ने इस बाबत शिकायत मिलने पर जिले के बावला इलाके में दो गोदामों में दबिश देकर पांच लाख 50 हजार रुपए से ज्यादा की खांसी की अलग-अलग ब्रांड की दवाईयों की बोतलें जप्त की है।