नई दिल्ली। मोटापा, ब्लड प्रेशर व मधुमेह जैसी बीमारियों का तो कारण है ही, कैंसर का भी जन्मदाता है। खासतौर पर महिलाओं में मोटापे के कारण गर्भाशय का कैंसर बढ़ रहा है। इसे एंडोमेटियल कैंसर भी कहा जाता है। हाल ही में मैक्स कैंसर संस्थान में मोटापे के कारण इस बीमारी से पीडि़त नौ महिलाओं की रोबोटिक तकनीक से सर्जरी की गई। वे सभी अभी स्वस्थ हैं। अस्पताल के गायनेकोलॉजी व आंकोलॉजी के विशेषज्ञ और रोबोटिक सर्जन डॉ. अमीष चौधरी ने कहा कि सामान्य महिलाओं की तुलना में जिन महिलाओं का बीएमआई 40 हो तो उनमें यह कैंसर होने का खतरा नौ गुना अधिक होता है। बहरहाल उक्त नौ महिला मरीजों में से आठ मरीजों की बीमारी की जांच पहले स्टेज में हो गई थी।
डॉक्टर कहते हैं कि पहली स्टेज में बीमारी पकड़ में आने पर सिर्फ सर्जरी से इलाज संभव है। ऐसे मरीजों को कीमो व रेडियोथेरपी की जरूरत नहीं होती। मैक्स अस्पताल के आंकोलॉजी डे-केयर सेंटर के वरिष्ठ निदेशक डॉ. पीके जुलका ने कहा कि पहले एक लाख में से दो महिलाओं को यह बीमारी होती थी। अब एक लाख में से छह से सात महिलाएं इस बीमारी से पीडि़त हो रही हैं, इसलिए देश में यह महिलाओं में कैंसर का चौथा कारण है।
डॉक्टरों का कहना है कि ज्यादातर 45 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को यह बीमारी होती है, लेकिन इन दिनों कम उम्र की महिलाओं में यह बीमारी देखी जा रही है। डॉक्टरों के अनुसार मोटापे के कारण हार्मोन में असंतुलन की समस्या होती है। मीनोपॉज के बाद भी महिलाओं में फीमेल हार्मोन बढ़ता जाता है। इस कारण गर्भाशय का कैंसर होने का खतरा रहता है। हालांकि इस बीमारी का बेहतर इलाज उपलब्ध है।