अहमदाबाद। मोतियाबिंद के ऑपरेशन बाद 20 मरीजों की आंखों में इंफेक्शन होने और इनमें से पांच की रोशनी चली जाने का गंभीर मामला सामने आया है। संबंधित अस्पताल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी गई है। मामलाविरमगाम के मंडल गांव के एक स्थानीय अस्पताल का है। इसमें सर्जिकल संक्रमण के बाद 20 पीडि़तों में से 12 का मेडिसिटी परिसर में एमएंडजे इंस्टीट्यूट ऑफ ऑप्थल्मोलॉजी में इलाज जारी है। पुलिस ने ट्रस्टियों, डॉक्टरों और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।

यह है मामला

मंडल में श्री सेवा निकेतन ट्रस्ट के अधीन श्री रामानंद नेत्र अस्पताल का संचालन किया जाता है। यह अस्पताल तीन दशकों से अधिक समय से सर्जिकल नेत्र विज्ञान शिविर आयोजित कर रहा है। इस साल जनवरी में अस्पताल ने केवल चार दिनों में 103 मोतियाबिंद सर्जरी कीं। प्रति दिन औसतन 25 से अधिक सर्जरी हुईं। यह प्रमुख शहरों में तृतीयक स्तर के अस्पतालों में किए जाने वाले प्रदर्शन से भी अधिक है। उनके मरीज ज्यादातर ग्रामीण अहमदाबाद, सुरेंद्रनगर और पाटन से थे। इनमें से प्रत्येक मेहसाणा और बनासकांठा से था।

गुजरात उच्च न्यायालय ने लिया संज्ञान

10 जनवरी को श्री रामानंद अस्पताल में दो दर्जन से ज्यादा मरीजों की आंखों की चिकित्सा की गई। इनमें 20 पीडि़तों में से पांच की आंखों की रोशनी पूरी तरह से चली गई थी। इनका मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया था। संक्रमण के कारण अन्य की आंखों को अलग-अलग स्तर की क्षति हुई थी। यह घटनाक्रम गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा 7 फरवरी को मामले की स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई करने से दो दिन पहले आया है।

अस्पताल पर एफआईआर दर्ज

ग्रामीण अहमदाबाद की प्रभारी एसपी मेघा तेवर ने पुष्टि की कि अस्पताल के सभी ट्रस्टियों, दो डॉक्टरों और सहायकों के खिलाफ आईपीसी की धारा 337, 338 और 114 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। फिलहाल जांच जारी रही है। ये धाराएँ लापरवाही से जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाले कार्यों के माध्यम से क्रमश: चोट और गंभीर चोट पहुंचाने से संबंधित हैं।

गंभीर रोगियों में संक्रमण स्यूडोमोनास एरुगिनोसा के कारण हुआ था। यह भारत की रोगाणुरोधी प्रतिरोध (एएमआर) निगरानी सूची में एक रोगजऩक़ है। इन रोगियों के कल्चर सेंसिटिविटी नमूनों में एरुगिनोसा ने पुष्टि की थी कि यह एक हॉस्पिटल एक्वायर्ड इन्फेक्शन था। 9 सदस्यीय जांच टीम की प्राथमिक रिपोर्ट में संक्रमण नियंत्रण के साथ-साथ जनशक्ति और उस अस्पताल में बुनियादी ढाँचे की कमी थी जो ग्रामीण क्षेत्र में मैराथन नेत्र शल्य चिकित्सा कर रहा था।

उपकरणों सहित 49 सैंपल भी लिए

स्वास्थ्य विभाग के विशेषज्ञ पैनल ने अस्पताल परिसर से उसके उपकरणों सहित 49 सैंपल भी लिए थ। इन्हें संक्रमण नियंत्रण और संदूषण की जांच के लिए लैब में भेजा गया था।